डी. एस. राठौर

डी. एस. राठौर
रेगिस्तान में जल और जन सहभागिता
Posted on 22 Dec, 2011 10:50 AM रेगिस्तान का नाम आते ही जन साधारण के मन में स्वतः एक ऐसा दृश्य उत्पन्न होता है जहां दूर-दूर तक रेत ही रेत है, भीषण गर्मी है और जहां का वातावरण शुष्क है और पानी का भारी अभाव है। जबकि स्थिति भिन्न है। उपयुक्त स्थितियां अनेक स्थानों पर हो सकती हैं किंतु संसार के रेगिस्तानों में विभिन्नता होती है जैसे कि रेगिस्तान में कहीं रेतीली समतल भूमि तो कहीं चट्टानों के दृश्य तो कहीं पर नमक की झीलों की भरमार है।
थार रेगिस्तान
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