चतरसिंह जाम

चतरसिंह जाम
कम पानी से नहीं कम अकली से पड़ता है अकाल
Posted on 22 Apr, 2016 11:04 AM

राजस्थान के जैसलमेर जिले के रामगढ़ क्षेत्र में पिछले वर्ष कुल 48 मिलीमीटर यानी 4.8 सेंटीमीटर या मात्र 2 इंच के करीब पानी बरसा और वहाँ अकाल नहीं पड़ा। भारत में इतनी कम बारिश कहीं और नहीं होती। अधिक बारिश वाले तमाम क्षेत्र सूखाग्रस्त क्यों हैं? यह एक विचारणीय प्रश्न है। हमारी कमअकली और अदूरदर्शिता ने विकास का जो मॉडल खड़ा किया है वह विनाश की ओर ले जा रहा है। क्या हम अब भी आँख खोलकर नहीं देखेंगे?

पिछले साल के कुल गिरे पानी के आँकड़े तो आपने ऊपर देखे ही हैं। अब उनको सामने रखकर इस विशाल देश के किसी भी कृषि विशेषज्ञ से पूछ लें कि दो-चार सेंटीमीटर की बरसात में क्या गेहूँ, सरसों, तारामीरा, चना जैसी फसलें पैदा हो सकती हैं। उन सभी विशेषज्ञों का पक्का उत्तर ‘ना’ में होगा। पर अभी आप रामगढ़ आएँ तो हमारे यहाँ के खड़ीनों में ये सब फसलें इतने कम पानी में खूब अच्छे से पैदा हुई हैं और अब यह फसल सब सदस्यों के खलियानों में रखी जा रही है। तो धुत्त रेगिस्तान में, सबसे कम वर्षा के क्षेत्र में आज भी भरपूर पानी है, अनाज है और पशुओं के लिये खूब मात्रा में चारा है।

टेलिविजन कहाँ नहीं है? हमारे यहाँ भी है। हमारे यहाँ यानी जैसलमेर से कोई सौ किलोमीटर पश्चिम में पाकिस्तान की सीमा पर भी। यह भी बता दें कि हमारे यहाँ देश का सबसे कम पानी गिरता है। कभी-कभी तो गिरता ही नहीं। आबादी कम जरूर है, पर पानी तो कम लोगों को भी जरूरत के मुताबिक चाहिए। फिर यहाँ खेती कम, पशुपालन ज्यादा है। लाखों भेड़, बकरी, गाय और ऊँटों के लिये भी पानी चाहिए। इस टेलिविजन के कारण हम पिछले न जाने कितने दिनों से देश के कुछ राज्यों में फैल रहे अकाल की भयानक खबरें देख रहे हैं। अब इसमें क्रिकेट का भी नया विवाद जुड़ गया है।
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