असद जैदी
असद जैदी
नदी
Posted on 28 Oct, 2013 04:21 PMइसी काली भैंस ने खा लिया था मेरा तहमदबनियान तो खैर मैंने इसके हलक से खींच लिया था
कभी-कभी यह डकराती और पूँछ मारती थी
जिससे कछुए निकल भागते थे
मेरा बहुत-सा साबुन इसके पेट में चला गया
इसी के पेट ने हजम कर ली थी मेरी बाल्टी
पर बदले में इसने उदारता से एक दिन
मुझे प्रदान कर दिया था
न जाने किसका लोटा