अरुणा आदित्य

अरुणा आदित्य
संगम में नहाती हुई औरत
Posted on 07 Oct, 2014 03:37 PM
जो कभी इला वास था
और अब इलाहाबाद
उसी तीर्थराज प्रयाग में
गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में
नहाती हुई यह औरत
अपने पाप धो रही है
या सींच रही है अपने मुरझाए स्वप्न

गंगा की तेज और हिमशीत लहरें
उसके पयोधरों से टकरा रही हैं बार-बार
लहरों की थप-थप के सुख से पुलक उठी है प्रौढ़ा
शिथिल तन में आ गई है कसावट
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