अरुण तिवारी

अरुण तिवारी
क्या सिर्फ फरक्का बैराज ही है दोषी
Posted on 14 Apr, 2017 04:40 PM

हिमालयी नदियों पर तटबन्ध और बैराजों की परिकल्पना करते वक्त यह
Farakka berrage
बैराज नहीं, बिहार जल प्रबन्धन भी जाँचे नीतीश
Posted on 14 Apr, 2017 03:55 PM


हमने कभी सिंचाई के नाम पर नदियों को बाँधा और कभी बाढ़ मुक्ति-बिजली उत्पादन के नाम पर। नदी के नफा-नुकसान की समीक्षा किये बगैर यह क्रम आज भी जारी है। एक चित्र में नदियों को जहाँ चाहे तोड़ने-मोड़ने-जोड़ने की तैयारी है, तो दूसरे में भारत की हर प्रमुख नदी के बीच जलपरिवहन और नदी किनारे पर राजमार्ग के सपने को आकार देने की पुरजोर कोशिश आगे बढ़ती दिखाई दे रही है।

नोएडा से गाजीपुर तक गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना को आगे बढ़ाने की मायावती सरकार की पैरोकारी को याद कीजिए। श्री नितिन गडकरी द्वारा परिवहन मंत्री बनते ही गंगा जलमार्ग के नाम पर इलाहाबाद से हल्दिया के बीच हर सौ किलोमीटर पर एक बैराज बनाने की घोषणा को याद कीजिए।

फरक्का बैराज
एकमात्र तैरती झील लोकटक
Posted on 07 Apr, 2017 04:32 PM

लोकटक झील, भारत में ताजे पानी की सबसे बड़ी झील है। यह झील मणिपुर की राजधानी इम्फाल से 53 किलोमीटर दूर और दीमापुर रेलवे स्टेशन के निकट स्थित है। 34.4 डिग्री सेल्सियस का तापमान, 49 से 81 प्रतिशत तक की नमी, 1,183 मिलीमीटर का वार्षिक वर्षा औसत तथा पबोट, तोया और चिंगजाओ पहाड़ मिलकर इसका फैलाव तय करते हैं। इस पर तैरते विशाल हरित घेरों की वजह से इसे तैरती हुई झील कहा जाता है।

एक से चार फीट तक मोटे ये विशाल हरित घेरे वनस्पति मिट्टी और जैविक पदार्थों के मेल से निर्मित मोटी परतें हैं। परतों की मोटाई का 20 प्रतिशत हिस्सा पानी में डूबा रहता है; शेष 80 प्रतिशत सतह पर तैरता दिखाई देता है। ये परतें इतनी मजबूत होती हैं कि स्तनपायी जानवरों को वजन आराम से झेल लेती हैं। स्थानीय बोली में इन्हें फुुमदी कहते हैं।

लोकटक झील
सबसे नम मावसीनराम
Posted on 27 Mar, 2017 01:49 PM

मावसीनराम
नदी जीवन को मिला अदालती आधार
Posted on 21 Mar, 2017 04:24 PM

विश्व जल दिवस, 22 मार्च 2017 पर विशेष


गंगासयुक्त राष्ट्र संघ ने मलीन जल को विश्व जल दिवस - 2017 का मुख्य विचारणीय विषय घोषित किया है और जल की मलीनता की सबसे बड़ी शिकार आज हमारी नदियाँ ही हैं। इस लिहाज से विश्व जल दिवस - 2017 का सबसे बड़ा तोहफा इस बार उत्तराखण्ड हाईकोर्ट की तरफ से आया है।

तय हुआ गंगा-यमुना का जीवित दर्जा, अधिकार और अभिभावक


नैनीताल स्थित उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने गंगा, यमुना और इनकी सहायक नदियों को 'जीवित व्यक्ति' का दर्जा और अधिकार देते हुए एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 'पैरेंट पैट्रिआई लीगल राइट' को आधार बनाते हुए यह फैसला सुनाया है।

गंगा
द फाॅरेस्ट मैन आॅफ इण्डिया - पद्मश्री जादव पयांग
Posted on 21 Mar, 2017 03:57 PM

विश्व वानिकी दिवस, 21 मार्च 2017 पर विशेष

 

जादव पयांग
सामाजिक एवं पर्यावरणीय न्याय नेतृत्व निर्माण शिविर
Posted on 12 Mar, 2017 01:42 PM

तिथि : 01 से 03 अप्रैल, 2017
स्थान : तरुण आश्रम, भीकमपुरा, तहसील: थानागाजी, जिला : अलवर ( राजस्थान )
आयोजक: तरुण भारत संघ, अलवर


पिछले 42 वर्षाें से जल, जंगल, जमीन, जंगली जानवर, जंगलवासी को बचाने और सम्बन्धित समाज को स्वावलम्बी बनाने के काम लगा है। तरुण भारत संघ के भीकमपुरा, अलवर स्थित तरुण आश्रम में आयोजित प्रथम सामाजिक एवं पर्यावरणीय न्याय नेतृत्व निर्माण शिविर में भारत के सभी राज्यों से करीब 170 चुनिन्दा कार्यकर्ता सम्मिलित हुए थे। शिविर में मेधा पाटकर, पीवी राजगोपाल, सुमन शाह, बी आर पाटिल और स्वयं जलपुरुष राजेन्द्र सिंह जैसे नामचीन लोगों ने अपने अनुभव साझा किये थे। प्राकृतिक सम्पदाओं का शोषण और अतिक्रमण जितनी तेजी से बढ़ रहा है, इसकी चिन्ता भी इतनी ही तेजी से बढ़ रही है। यह चिन्ता, बेचैनी पैदा करने की हद तक आगे आती दिखाई तो दे रही है, लेकिन संकट की तेजी के अनुपात में समाधान व शान्ति के संगठित प्रयासों की गति अभी काफी सुस्त है।

प्राप्त आमंत्रण पत्र में उल्लिखित इस निष्कर्ष के आलोक में तरुण भारत संघ ने 01 अप्रैल से 03 अप्रैल, 2017 के बीच सामाजिक एवं पर्यावरणीय न्याय नेतृत्व निर्माण शिविर की जानकारी दी है। तरुण भारत संघ ने भीमराव अम्बेडकर के जन्मदिन को आधार बनाकर गत वर्ष एक ऐसा ही शिविर 09 अप्रैल से 14 अप्रैल के बीच आयोजित किया था। प्रस्तावित शिविर, इस शृंखला का दूसरा शिविर है।
Tarun bharat sangh
मावलिन्नांग से सीखें सफाई का ककहरा
Posted on 09 Mar, 2017 04:19 PM

2003 से पहले मावलिन्नांग में कोई पर्यटक नहीं आता था। वर्ष 200
toilet
उमानंद की बस्ती से
Posted on 09 Mar, 2017 01:04 PM

उमानंद द्वीप पर आबादी है, घर हैं, मन्दिर हैं, दुकाने हैं; दुनिया के दुर्लभ सुनहरी लंगूर हैं; 17 विशेष किस्म के पक्षी हैं; समय आने पर प्रवासी पक्षियों का वास है। बाढ़ के कठिन दिनों में जिस ‘भोग’ पर यहाँ का जीवन चलता है, उसकी परम्परा व कौशल सचमुच अनुकरणीय है। ‘भोग’, आपदा के वक्त भोजन प्रबन्धन का सामाजिक कौशल है। इस कौशल का एक ही आधार है; वह है उमानंद की हवा में प्रेम का वास। उमानंद द्वीप पर रहने क

umananda island
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