आचार्य सोम दीक्षित

आचार्य सोम दीक्षित
जनकल्याणी गोमती की पुकार
Posted on 19 Mar, 2014 12:35 PM
गोमती हूं, तीर्थ नैमिष धाम की पहचान हूं।
देव-ऋिषियों का सदा से कर रही गुणगान हूं।
ज्ञान-गौरव-भक्ति भावों से भरे मेरे किनारे।
तीर्थ-मठ-मंदिर-महाऋिषि धाम, गुरूद्वारा हमारे।
वृक्ष-वन पावन तपोमय भूमियां सम्पत्ति मेरी।
है सभी कुछ किंतु अब तो है अथाह विपत्ति मेरी।
एक मां के रूप में, मैंने सदा सबको दुलारा।
दी, सदा इस भूमि को शीतल सुधा सी नीरधारा।
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