ए.के. मिश्र
भूजल पुनर्भरण एवं प्रबंधन
Posted on 17 Jan, 2024 03:03 PMहमारे देश में हरित क्रांति के माध्यम से कृषि उत्पादन को बढ़ाने में भूजल संसाधन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर सिंचित भूमि के 60% से अधिक भू-भाग पर सिंचाई भूजल द्वारा होती है। वर्षा का अधिकतर जल, सतह की सामान्य ढालों से होता हुआ नदियों में जाता है तथा उसके बाद सागर में मिल जाता है। वर्षा के इस बहुमूल्य जल का भूजल के रूप में संचयन अति आवश्यक है। भूजल, कुएँ, नलकूप आदि साधनों द्वारा
जलवायु विविधता और परिवर्तन
Posted on 15 Jan, 2024 01:50 PMभारत की जलवायु में बहुत विविधता और भिन्नता पाई जाती है जैसे कि- उष्णकटिबंधीय प्रकार से लेकर महासागरीय प्रकार तक, अत्यधिक शीत से लेकर अत्यधिक उष्ण तक, अत्यंत शुष्क से लेकर नगण्य वर्षा तक तथा अत्यधिक आर्द्रता से लेकर मूसलाधार वर्षा तक। इसलिए जलवायु को देश की परिस्थिति को ध्यान में रखकर पंद्रह कृषि क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। भारत में तापमान में भी विविधिता दिखाई पड़ती है, जलवायु परिवर्तन क
जल संसाधन का अर्थ और प्रकार
Posted on 13 Jan, 2024 04:07 PMसतही जल संसाधन
सभी प्रकार के जल संसाधनों का उद्गम वर्षा अथवा हिमपात है। सतही जल के चार मुख्य स्रोत हैंः नदियाँ, झीलें, ताल तलैया और तालाब। इनमें से नदी सतही जल का मुख्य स्रोत है। नदी में जल प्रवाह इसके जल ग्रहण क्षेत्र के आकृति और आकार अथवा नदी बेसिन और इस जल ग्रहण क्षेत्र में हुई वर्षा पर निर्भर करता है। भारत के पर्वतों पर जमा हिम पिघलकर गर्मियों के दिनों में