नीतियां, कानून और विनियम

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कहीं ‘काली’ साबित न हों हरित अदालतें
Posted on 30 Jan, 2012 09:49 AM

जीएम बीजों और कीटनाशकों के फसलों पर छिड़काव से भी बड़ी मात्रा में इनसे जुड़े लोगों की आजीविका

Environmental destruction
निजी कंपनी भी हो सकती है सूचना-अधिकार के दायरे में, अगर
Posted on 19 Apr, 2010 07:17 AM

एनटीएडीसीएल सूचना-अधिकार के दायरे में : मद्रास उच्च न्यायालय


हाल ही में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप परियोजना से संबंधित एक महत्वपूर्ण फैसले में मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा न्यू तिरुपुर एरिया डिवेलपमट कार्पोरेशन लिमिटेड, (एनटीएडीसीएल) की याचिका खारिज कर दी गई है। कंपनी ने यह याचिका तमिलनाडु राज्य सूचना आयोग के उस आदेश के खिलाफ दायर की थी जिसमें आयोग ने कंपनी को मंथन अध्ययन केन्द्र द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध करवाने का आदेश दिया था।

एक हजार करोड़ की लागत वाली एनटीएडीसीएल देश की पहली ऐसी जलप्रदाय परियोजना थी जिसे प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत मार्च 2004 में प्रारंभ किया गया था। परियोजना में काफी सारे सार्वजनिक संसाधन लगे हैं जिनमें 50 करोड़ अंशपूजी, 25 करोड़ कर्ज, 50 करोड़ कर्ज भुगतान की गारंटी, 71 करोड़ वाटर शार्टेज फंड शामिल है। परियोजना को वित्तीय दृष्टि से सक्षम बनाने के लिए तमिलनाडु सरकार ने ज्यादातर जोखिम जैसे नदी में पानी की कमी
पेयजल और स्वच्छता नीति का मसौदा
Posted on 06 Mar, 2010 08:35 AM बिहार सरकार 22 मार्च 2010 को विश्व जल दिवस के अवसर पर पेयजल और स्वच्छता नीति की घोषणा करेगी। लोक स्वास्थ्य और अभियांत्रिकी मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि बिहार सरकार बहुत तेजी से जल और स्वच्छता के बारे में एक मुकम्मल नीति बनाना चाहती है। इस मसौदे पर काम चल रहा है।

मसौदा के बारे में श्री चौबे ने स्पष्ट करते हुए कहा कि सरकार की नीति में पीने के पानी को शीर्ष प्राथमिकता होगी। सरकार दोहरी जल आपूर्ति पर भी काम कर रही है। ताकि जल को साफ किया जा सके। सरकार जिला स्तर और राज्य स्तर पर निगरानी समितियाँ भी बनायेगी जो सतही पानी, जमीनी पानी और वर्षा जल के अधिकतम के समूचित उपयोग पर नियंत्रण रखेंगी। बिहार सरकार एक भूजल विनियामक प्राधिकरण भी स्थापित करेगी जो भूजल संरक्षण और उपयोग पर नियंत्रण रखेगी।

विज्ञान के पास जलसंकट का समाधान है?
Posted on 21 Jul, 2009 03:53 PM
वास्तव में भारत के हर गांव और हर शहर की अपनी पारंपरिक जल संचयन तकनीक थी। लेकिन आधुनिक विज्ञान ने इस तरह के पारंपरिक ज्ञान को तिरस्कार की दृष्टि से देखा और हम आज इसकी कीमत चुका रहे हैं।उच्चतम न्यायालय के मुताबिक ‘हां है’। न्यायालय ने अपने हालिया निर्देशों में बार-बार कहा है कि आर्यभट्ट और रामानुजन के देश में पानी की समस्या का समाधान करने के लिए वैज्ञानिक आगे आएं। मगर रंजन के पांडा मानते हैं कि यह विज्ञान ही है जिसने इतनी समस्याएं खडी की हैं, ऐसे में हमें जल प्रबंधन के पारंपरिक और सांस्कृतिक समाधानों को मजबूत बनाने के प्रयास भी करने चाहिए। इस साल की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने एक समिति तत्काल गठित करने की सिफारिश की जो भारत में जल संकट के वैज्ञानिक समाधान की तलाश करे।
26 अप्रैल 2009 को एक अन्य मामले में फैसला सुनाते हुए उसने सरकार पर भारी प्रहार किया और उसे इस मुद्दे पर निश्चित लक्ष्य और तय समय सीमा के साथ काम करने का निर्देश दिया।
वैज्ञानिकों का पैनल करेगा संकट का समाधान
Posted on 06 Jul, 2009 01:52 PM
नई दिल्ली (आईएएनएस). पानी के लिए घंटों कतार में खडी रहने वाली गृहिणियों की दुर्दशा से द्रवित होकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को अविलंब इसके समाधान की दिशा में प्रयास करने को कहा है. अदालत ने सरकार से वैज्ञानिकों का एक पैनल बनाने कहा है, जो पेयजल संकट से निपटने के तरीके सुझा सके.
पानी नहीं पिला सकते तो सरकार भी नहीं चला सकते
Posted on 23 Jun, 2009 07:09 PM
28अप्रैल को माननीय उच्चतम न्यायालय ने एक आदेश दिया है जिसके तहत न्यायालय ने भारत सरकार को लताड़ लगाते हुए कहा है कि सबको पानी नहीं पिला सकते तो फिर सरकार भी नहीं चला सकते. माननीय न्यायलय ने भारत सरकार से कहा है कि जल्द से जल्द बरसाती पानी को रोकने के लिए देशज और स्थानीय ज्ञान को प्रमुखता देते हुए योजना तैयार करे.
रेनवाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य
Posted on 23 Jun, 2009 02:55 PM

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एक खण्डपीठ ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में इलाहाबाद विकास प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि सम्पूर्ण जिले में भवनों के नक्शे स्वीकृत करते समय उनमें “रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम” (Rainwater Harvesting) का होना अनिवार्य करें एवं इसका कड़ाई से पालन किया जाये। न्यायालय ने अपने निर्देश में कहा है कि भवन मालिकों को पूर्णता प्रमाण-पत्र तथा भवन का कब्जा देने से पहले यह स

Rainwater harvesting
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश की धज्जी
Posted on 24 Apr, 2009 06:01 PM वाराणसी। रोज सुबह आठ ट्रैक्टर टालियां मिट्टी लेकर डाफी-लंका मार्ग से पहुंचती हैं शुक्रेश्वर तालाब। शुक्रेश्वर तालाब एक ऐतिहासिक तालाब है, जो कि धीरे –धीरे पट रहा है।
जलस्रोतों का संरक्षण करें
Posted on 18 Apr, 2009 07:30 PM

उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच का निर्देश

इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सरकार को निर्देश दिया है कि आने वाले समय में जल की होने वाली कमी से निपटने के लिये समूचे उत्तरप्रदेश में झीलों, तालाबों और अन्य जलस्रोतों का संरक्षण और उचित संधारण किया जाये। जस्टिस देवीप्रसाद सिंह ने एक सुनवाई के दौरान यह निर्देश भी दिया कि यदि कोई क्षेत्र या भूमि का टुकड़ा किसी जलस्रोत या तालाब/झील के लिये आरक्षित
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