उत्तरकाशी जिला

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विकास का हिंद स्वराज मॉडल ही हमें बचाएगा
Posted on 09 Jan, 2010 10:38 AM जलवायु परिवर्तन पर कोपेनहेगन शिखर सम्मेलन शुरू होने के पहले ग्लोबल वार्मिंग से जुड़े सवाल पर एक नोबेल पुरस्कार सम्मानित अर्थशास्त्री ने कहा था कि आज अगर महात्मा गांधी जीवित होते, तो उनके पास भी इस संकट से निपटने का कोई नुस्खा न होता। लेकिन मेरी दृष्टि में उनका यह कहना ज्यादा सार्थक होता कि गांधी जी ने हिंद स्वराज में औद्योगिक सभ्यता के जिन संकटों को लेकर दुनिया को चेताया था, उन पर यदि अमल हुआ होता, तो ग्लोबल वार्मिंग की नौबत नहीं आती।

बहरहाल, एक अंतरराष्ट्रीय एजेंसी पीयू रिसर्च सेंटर ने अपने हालिया सर्वेक्षण में बताया है कि धरती के बढ़ते तापमान को लेकर 67 प्रतिशत भारतीय चिंतित हैं। चीन में यह महज 30 प्रतिशत
पेयजल योजनाओं में परम्परा का स्थान
Posted on 26 Dec, 2009 06:58 PM

हिमालय फाउंडेशन के सहयोग से किये गये एक अध्ययन में पाया गया कि जहाँ लोग परम्परागत ढंग से प्रयोग कर रहे हैं, वहाँ पानी की उपलब्धता बनी हुई है।

water resource
2010 का कैलेण्डर
Posted on 25 Dec, 2009 03:31 PM

प्रिय मित्रों,

गोरी गंगा की एक झलक
बैराठ की भव्य परम्परा
Posted on 22 Dec, 2009 01:07 PM देश के अन्य प्रांतों की तरह पर्वतीय भू-भागों में भी जल संरक्षण, संग्रहण और उपयोग की काफी भव्य परम्परा रही है। पहाड़ों में जल संग्रहण की प्राचीन व्यवस्था के तहत अनेक ढांचों का निर्माण किया गया। यहां इन्हें नौला, चपटौला, नौली, कुय्यो, धारा, मूल, कूल, बान आदि अनेक नामों से जाना जाता है। यहां अपना पानी अपना प्रबंध की सामूहिक भावना से पानी की शुद्धता और निरंतरता बनाए रखी जाती है।
क्या गंगा के गले की फांस है हरिद्वार
Posted on 14 Dec, 2009 08:33 AM गंगा प्राधिकरण के सभी गैर सरकारी आठ सदस्यों ने एक सुर में सरकार से मांग की है कि गोमुख से उत्तरकाशी तक ‘नो प्रोजेक्ट जोन’ घोषित किया जाए। इसकी प्रतिक्रिया में उत्तरकाशी गंगा घाटी के गंगा पुत्रों ने ‘संकल्प’ नामक एक परचे में घोषित किया कि गंगा मुक्ति के लिए जनमोरचा बनाकर हरिद्वार में गंगा की अविरल धारा को मूल मार्ग नीलधारा, चंडीघाट से प्रवाहित करवाया जाएगा। और गंगा से निकाली गई नहरों को तोड़ने का आ
रोजगार के नाम पर धोखा
Posted on 30 Nov, 2009 10:12 AM 5 दिसम्बर को फिर राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण की बैठक होने वाली है। और उसमें रिपोर्ट देने के लिए ऊर्जा सचिव के साथ पर्यावरण एंव वन मंत्रालय के सचिव अपने पूरे अमले के साथ भागीरथी पर बंद पडे़ बांधो की समीक्षा करने वहां गये। 5 अक्तूबर 2009 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण ने उत्तराखंड में भागीरथी नदी पर निमार्णाधीन लोहारीनाग-पाला बांध पर दो महिने के लिए स्थगित
हिमालय के लिए जुटे हिमालयी हिम्मत वाले लोग
Posted on 22 Nov, 2009 08:10 AM अवैध कटाव की जानकारी सरकार में ऊपर तक पहुंचाई गई व साथ ही मीडिया को भी उपलब्ध करवाई गई इसी के समानांतर
अलकनन्दा नदी
Posted on 19 Sep, 2008 08:22 PM

अलकनन्दा नदी गंगा की सहयोगी नदी हैं। यह गंगा के चार नामों में से एक है। चार धामों में गंगा के कई रूप और नाम हैं। गंगोत्री में गंगा को भागीरथी के नाम से जाना जाता है, केदारनाथ में मंदाकिनी और बद्रीनाथ में अलकनन्दा। यह उत्तराखंड में शतपथ और भगीरथ खड़क नामक हिमनदों से निकलती है। यह स्थान गंगोत्री कहलाता है। अलकनंदा नदी घाटी में लगभग २२९ किमी तक बहती है। देव प्रयाग या विष्णु प्रयाग में अलकनंदा और भ

देवप्रयाग पर भागीरथी और अलकनन्दा का संगम
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