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दिल्ली
नया विकास मॉडल हिमालय के लिये चिन्ता का विषय है - श्री भट्ट
Posted on 09 Jun, 2018 01:55 PM
गाँधीवादी, चंडी प्रसाद भट्ट पर्यावरणीय मुद्दों से सरोकार रखने वाले देश की नामचीन हस्ती हैं। इन्होंने गोपेश्वर में ‘दशोली ग्राम स्वराज्य संघ’ (1964) की स्थापना की और 1973 में चिपको आन्दोलन से जुड़े। समाज और पर्यावरण से जुड़े कार्यों के लिये इन्हें मैग्सेसे पुरस्कार, गाँधी शान्ति पुरस्कार और पद्मश्री, पद्मविभूषण जैसे सम्मान से नवाजा जा चुका है।
वर्षाजल संचयन (पेयजल से इतर कामों के लिये)
Posted on 09 Jun, 2018 01:46 PM
बहुत ही साधारण वैज्ञानिक तरीकों को अपनाकर वर्षाजल संचय करने की विधि को रेनवाटर हार्वेस्टिंग या वर्षाजल संचयन कहते हैं। इस पद्धति को अपनाना काफी कम खर्चीला है। वर्षाजल संचयन की तकनीक गाँव के लोगों को भी सिखाया जा सकता है ताकि उन्हें इसे अपनाने में सहूलियत हो।
बढ़ती कार्बन डाइऑक्साइड से फसलों में बढ़ सकता है कीट प्रकोप
Posted on 09 Jun, 2018 12:07 PM
वातावरण में लगातार बढ़ रही कार्बन डाइऑक्साइड के कारण फसल उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, पर इसके साथ ही फसलों के लिये हानिकारक कीटों की आबादी में भी बढ़ोत्तरी हो सकती है।
नमामि गंगे ऐसे में कैसे निर्मल हो पाएगी गंगा
Posted on 07 Jun, 2018 06:52 PM
राष्ट्रीय नदी गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिये नमामि गंगे परियोजना को लेकर केन्द्र सरकार भले ही सक्रिय हो, लेकिन उत्तराखण्ड में धरातल पर वह गम्भीरता नहीं दिखती, जिसकी दरकार है। गंगा के मायके गोमुख से हरिद्वार तक ऐसी तस्वीर नुमायां होेती है।
हमें कैसी हवा चाहिए
Posted on 07 Jun, 2018 06:29 PM
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दुनिया भर के शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति पर नये आँकड़े जारी किये हैं। इनसे घरों और आसपास के परिवेश में वायु प्रदूषण की स्थिति का पता चलता है, जोकि अनेक बीमारियों की जड़ भी हैं।
मत बाँधों बन्धन में
Posted on 07 Jun, 2018 06:05 PMगाँधी जी कहते थे कि धरती सबकी जरूरत पूरी कर सकती है, लेकिन किसी के लालच को पूरा नहीं कर सकती। आज के जल संकट के प
जल-जंगल साथ-साथ
Posted on 07 Jun, 2018 05:53 PMपानी का सम्बन्ध सीधे-सीधे जंगल और हरियाली से है। जंगल बारिश के जल को अपने भीतर समाकर जलधाराओं को आबाद करते हैं।
सिर्फ पानी नहीं है पानी
Posted on 07 Jun, 2018 05:38 PMपानी शुरू से ही हमारी संस्कृति और संस्कार का हिस्सा रहा है। लेकिन समय के साथ-साथ हम इसे भूलते जा रहे हैं। इसका द