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प्रश्न. संकर धान में वेहन के लिए कितना बीज प्रयोग करें।
Posted on 16 Jul, 2011 12:17 PM उत्तर 20 किग्रा. बीज प्रति हेक्टेयर अधिक उपज प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जाए।

प्रश्न. संकर धान की प्रजाति के बारे में बतायें।
Posted on 16 Jul, 2011 12:16 PM उत्तर उ.प्र. के लिए बेहतरीन संकर धान की प्रजाति है, पी.एच.बी. 71, नरेन्द्र संकर धान-2, प्रो एग्रो 6444 तथा पी.आर.एच. 10

प्रश्न. ऊसर को कैसे सुधारे तथा ऊसरीली जमीन के लिए धान की प्रजाति बतायें।
Posted on 16 Jul, 2011 12:14 PM उत्तर जिप्सम का प्रयोग सबसे उपयुक्त है। मिट्टी की जॉंच के बाद औसतन 150 से 250 कुन्तल प्रति हेक्टेयर जिप्सम का प्रयोग उपयोगी है। हरी खाद का प्रयोग भी लाभकारी है।

प्रश्न. धान के बुवाई के लिए एस.आर.आई. विधि क्या है।
Posted on 16 Jul, 2011 12:13 PM उत्तर अधिक उत्पादन प्राप्त करने की विधि है जिसमें नर्सरी से कम समय (10 दिन में) के पौध की रोपाई 25.25 सेमी की दूरी पर एक ही पौधा रोपकर की जाती है।

प्रश्न. जैव उर्वरक के प्रयोग में क्या करें, जिससे अधिक लाभ हो।
Posted on 16 Jul, 2011 11:48 AM उत्तर रासायनिक उर्वरकों के साथ जैव उर्वरक का प्रयोग न करें तथा प्रयोग की एक्सपायरी तिथि के बाद अधिक लाभ नहीं मिलता है।

प्रश्न. धान की खेती में कौन से जैव उर्वरक का प्रयोग उपयोगी है।
Posted on 16 Jul, 2011 11:39 AM उत्तर. पी.एस.बी., नील हरित शैवाल तथा एजोला जैसे जैव उर्वरक अधिक उपयोगी होते है।

आत्मा की झील में
Posted on 16 Jul, 2011 09:21 AM कितने दिनों से पीड़ा-पराजय
पश्चाताप की झड़ी लगी है
हृदय को धूप दिखाना है

होंठ ठस पड़ते जा रहे हैं
खुलकर मुस्कुराना है
हँसना-खिलखिलाना है

आँखों में बहुत धूल भर गयी है
आत्मा की झील में
तैर कर आना है

आकाश माथे पर दिन चढ़ आया है
पूजा का वह इंदीवर लाना है
इधर कण्ठ ने पिया नहीं कुछ मीठा-मधुर
झील के घाट पर बैठ
है किसका अधिकार नदी पर
Posted on 15 Jul, 2011 03:11 PM

चलो नदी तट वार चलो रे
चलो नदी तट पार चलो रे,
करें यात्रा नदियों की
नदी वार तट पार चलो रे,
करें यात्रा नदियों की

इन नदियों के अगल-बगल ही
जीवन का विस्तार, चलो रे करें यात्रा नदियों की
आज इन्हीं नदियों के ऊपर
पड़ी है मारामार, चलो रे करें यात्रा नदियों की
टुकड़ा-टुकड़ा नदी बिक रही
बूँद-बूँद जल भर, चलो रे करें यात्रा नदियों की

झील की माटी अब खुश है
Posted on 15 Jul, 2011 09:12 AM झील से काढ़ी जा रही माटी का मन
पहले भारी था
लेकिन ट्राली में लदी हुई
झील की माटी अब खुश है
कि वह खेत में
हरियाली बन कर लहरायेगी
सुनेगी अंकुरित होते बीजों का संगीत
और अपने सम्पूर्ण वात्सल्य से उन्हें वह दुलराएगी

फसलों के फूल से
महकेगा अब उसका हिया
हवा में जब बालियों के दाने बजेंगे
मारे खुशी के वह झूम जायेगी
सीएसई का बारहवां मीडिया फैलोशिप- आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ायी गई
Posted on 14 Jul, 2011 06:45 PM सेंटर फॉर साईंस एंड एन्वायर्न्मेंट (सीएसई) की पापिया समजदार से प्राप्त सूचना के अनुसार सीएसई के बारहवें मीडिया फैलोशिप- वाटरबॉडीज इन इंडिया: पब्लिक स्पेस, प्राइवेट डिजायन- में आवेदन करने की अंतिम तिथि बढाकर 31 मई,2011 कर दी गई है। इस सिलसिले में किसी भी स्पष्टीकरण के लिए कृपया निम्नलिखित नंबर पर फोन या फैक्स करें- फोन: 011-29955124, 29955125, फैक्स: 011-29955879' 9811906977
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