यतींद्र मिश्र

यतींद्र मिश्र
दृश्य और भाव
Posted on 06 Dec, 2013 10:29 AM
आकाश
उतना ही नीला
जितना आंखों का उस पर
भरोसा
नीला

सूरज
उतना ही पीला
जितना पुतलियों में
दीप्ति का रंग
पीला

नदी का पानी
उतना ही गीला
जितना तरल होने का संस्कार
पानी को करता गीला।

भाषा का जल
Posted on 05 Dec, 2013 11:07 AM
भाषा के जल की नदी है
जैसे यह जल है भाषा का
जैसे भाषा ही जल है
जैसे कबीर का कूप है कहीं आसपास
जैसे कूप में जल नहीं
भाषा है कबीर की

इस नदी में नाव है एक
इस तरह इस नदी में
जल के अलावा भी कुछ है
इस तरह नदी के जल को
सहूलियत से बरतने के लिए
भाषा पतवार है

जल की भाषा नाव की भाषा से अलग है
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