योगेन्द्र कृष्ण
योगेन्द्र कृष्ण
बारिश और सपने
Posted on 19 Jan, 2014 05:03 PMसागर की लहरों परछलांग लगाता है एक लड़का
और लहर-संगीत से खुलती है
सागर तट पर
स्वप्निल एक खिड़की
खिड़की के जगमग फ्रेम में जड़ी
अपनी छत के नीचे खड़ी
भीगती है एक लड़की
दूर सागर पर गिरती बूंदों से
सरोबार भीगने का
सुख उसका उसका अपना है
खिड़की से सागर तक तिरती