विनोद पांडे

विनोद पांडे
वन अधिकार कानून 2006 को निष्क्रिय करने का प्रयास
Posted on 19 Aug, 2016 03:17 PM

संसद के मानसून सत्र में ‘कम्पन्सैटरी एफॉरेस्टेशन मैनेजमेंट एंड प्लानिंग ऑथरिटी’ बिल, जिसे संक्षेप में कैम्पा और हिन्दी में प्रतिपूरक वनीकरण बिल कहा जाता है, बिना किसी विशेष चर्चा के पारित हो गया। इस महत्त्वपूर्ण बिल पर मीडिया में लगभग कोई चर्चा नहीं हुई। इस बिल के क्रियान्वयन की बागडोर पहले की तरह वन विभाग को दे दी गई है।

इस कारण वनों के जनपक्षीय सरोकारों से जुड़े व्यक्ति व संस्थाएँ, जिस रूप में यह पारित हुआ है, उससे विचलित हैं। यह बिल देश के करोड़ों वनों पर आश्रित रहने वाले वनवासी ग्रामीणों को उनके वन अधिकारों से वंचित करने का एक गम्भीर प्रयास हो सकता है, जिसके दीर्घकालीन गम्भीर परिणाम हो सकते हैं।
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