उमेश कुमार राय
खेतों से क्रोमियम को दूर भगाएगा बैक्टीरिया
Posted on 15 Mar, 2018 02:01 PMपश्चिम बंगाल का सुन्दरबन क्षेत्र रिहायश के लिहाज से दुर्गम इलाकों में एक है। यहाँ करीब 40 लाख लोग रहते हैं। पानी से घिरे इस क्षेत्र के लोगों के दरवाजे पर साल भर मुश्किलों का डेरा रहता है। इसके बावजूद मुश्किलों से जूझते हुए जीवन बिताते हैं।
ये दुनिया सिर्फ हमारी नहीं, वन्यजीवों की भी है
Posted on 04 Mar, 2018 06:40 PMरहता वन में और हमारे,
संग-साथ भी रहता है।
यह गजराज तस्करों के,
जालिम-जुल्मों को सहता है।।
समझदार है, सीधा भी है,
काम हमारे आता है।
सरकस के कोड़े खाकर,
नूतन करतब दिखलाता है।।
मूक प्राणियों पर हमको तो,
तरस बहुत ही आता है।
इनकी देख दुर्दशा अपना,
सीना फटता जाता है।।
वन्य जीव जितने भी हैं,
दीपांकर चक्रवर्ती - अपना घर जलाकर उजाला करने वाला शख्स
Posted on 04 Mar, 2018 03:25 PMश्रद्धांजलि
सन 1983 में केसी साहा ने पश्चिम बंगाल के पानी में जब पहली बार आर्सेनिक की मौजूदगी पर शोध किया था, तो कोई नहीं जानता था कि आखिर यह क्या बला है और क्यों है।
लेकिन, आज पश्चिम बंगाल में आर्सेनिक बहस का मुद्दा है। यहाँ की एक बड़ी आबादी आर्सेनिक की चपेट में है।
महिला स्वास्थ्य व सेनिटरी पैड पर सार्थक बहस छेड़ती पैडमैन
Posted on 25 Feb, 2018 01:43 PMफिल्म रिव्यू
फिल्म का नाम – पैडमैन
निर्देशक- आर. बाल्की
लेखक – आर. बाल्की व स्वानंद किरकिरे (सह-लेखक)
कलाकार – अक्षय कुमार, सोनम कपूर व राधिका आप्टे
संगीत – अमित त्रिवेदी
समय सीमा – 140 मिनट
जहर उगल रहे स्कूल के ट्यूबवेल
Posted on 20 Feb, 2018 01:53 PM
6 साल की पूर्णिमा वैरागी पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिलान्तर्गत बशीरहाट के मेरूदंडी गाँव में रहती है और पास के ही स्कूल में नियमित पढ़ने जाती है।
खुशमिजाज पूर्णिमा इस बात से पूरी तरह अनजान है कि उसके शरीर में आर्सेनिक नाम का जानलेवा तत्व प्रवेश कर चुका है और अगर अभी से एहतियात नहीं बरती गई, तो वह आर्सेनिक से होने वाले कैंसर की चपेट में आ सकती है।
चला गया ईस्ट कोलकाता वेटलैंड्स का प्रहरी
Posted on 16 Feb, 2018 06:04 PM
विनम्र श्रद्धांजलि- (16 फरवरी 2018), डॉ. ध्रुव ज्योति घोष के जाने से ईस्ट कोलकाता वेटलैंड आज अनाथ हो गया।
प्रकृति-पर्यावरण को लेकर कुछ लोगों के काम को देखकर अनायास ही यह ख्याल जेहन में कौंध जाता है कि उनका इस धरती पर आने का उद्देश्य ही यही रहा होगा।
पानी को लेकर काम करने वाले अनुपम मिश्र के बारे में ऐसा ही कहा जा सकता है। कोलकाता में रह रहे एक और शख्स के काम को देखकर यही ख्याल आता है। वह शख्स थे डॉ. ध्रुवज्योति घोष।
आर्द्रभूमि को लेकर सूख रही आँखों की नमी
Posted on 01 Feb, 2018 04:30 PMविश्व आर्द्रभूमि दिवस 2 फरवरी 2018 पर विशेष
2 फरवरी को दुनिया भर में विश्व आर्द्रभूमि (वेटलैंड्स) दिवस मनाया जाता है। सन 1971 में इसी दिन वेटलैंड्स को बचाने के लिये ईरान के रामसर में पहला सम्मेलन किया गया था। इसलिये इस सम्मेलन को रामसर सम्मेलन (कन्वेंशन) भी कहा जाता है।
इस कन्वेंशन में एक अन्तरराष्ट्रीय समझौता किया गया था। इस समझौते की बुनियाद में विश्व भर की आर्द्रभूमि की सुरक्षा का संकल्प था।
दिल्ली के पानी में घुल रहा जहर (Toxic water in Delhi)
Posted on 12 Jan, 2018 12:09 PMदेश की राजधानी दिल्ली पिछले दिनों देश-दुनिया की मीडिया में सुर्खियों में थी। किसी अच्छे काम के लिये नहीं, बल्कि प्रदूषण के स्तर में बेतहाशा इजाफा होने के कारण।
तीन साल तक शोध कर निकालेंगे आर्सेनिक का तोड़
Posted on 31 Dec, 2017 11:59 AMगंगा नदी घाटी में आर्सेनिक की मौजूदगी और भविष्य में इसकी क्या स्थिति रहेगी, इसको लेकर व्यापक स्तर पर शोध होने जा रहा है।
इस शोध कार्य में भारत के चार संस्थानों के साथ ही यूके की भी चार संस्थाएँ हिस्सा लेंगी।
पर्यावरणीय अपराधों में कानूनी कार्रवाई की रफ्तार सुस्त
Posted on 22 Dec, 2017 03:41 PMपर्यावरण किसी भी सरकार के लिये कभी भी बहुत अहम नहीं रहा है। हर सरकार के लिये विकास प्राथमिकता रहा है। वह चाहे पर्यावरण की कीमत पर हो या दूसरी कीमतों पर।
किसी निजी या सरकारी प्रोजेक्ट के लिये पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाना और तालाबों को पाटना तो खैर आम बात है।