त्रिलोचन कुमार शर्मा

त्रिलोचन कुमार शर्मा
जल ही जीवन है
Posted on 16 Sep, 2011 11:35 AM
गगन समीर अनल जल धरनी,
यह सृष्टि इन तत्वों की करनी।
दो तिहाई तन में है जल,
इससे ही सब पातें है बल।

वैंकट जल से पृथ्वी लाए,
जिससे हम नवजीवन पाए।
जल मंथन से अमृत पाया,
इसको कहते हरि की माया।

जल का पूजन हम हैं करते,
सब पापों को जो हैं हरते।
जल ही जीवन का आधार,
जिस पर हो रहे अत्याचार।

उसकी रक्षा का हम पर भार,
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