सूर्यभानु गुप्त

सूर्यभानु गुप्त
मिट्टी में मिली मिट्टी पानी में मिला पानी
Posted on 19 Sep, 2013 12:34 PM
जल ही जीवन हैआंखों में पड़े छाले, छालों से बहा पानी।
इस दौर के सहरा में ढूंढ़े न मिला पानी।

दुनिया ने कसौटी पर दिन-रात कसा पानी।
बनवास से लौटा तो शोलों पे चला पानी।
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