सुनील मिश्र

सुनील मिश्र
सच्चे माथे के समाज से निकला अनुपम पुरुषार्थ
Posted on 13 May, 2010 07:59 AM

अनुपम मिश्र को समाज के सच्चे लोग बड़े आदर की दृष्टि से देखते हैं। वे जिस तरह का जीवन जी रहे हैं, जिस तरह की सच्चाई और साफगोई उनके व्यक्तित्व की पहचान है। देश के मरे, बाँझ और उदास तालाबों के लिए वे भागीरथ सिध्द हुए हैं। यशस्वी कवि भवानीप्रसाद मिश्र के बेटे अनुपम ने राजनीति, सिनेमा, समाज सेवा और अन्य तमाम जगहों पर दिखायी पड़ने वाली, थोपी जाने वाली वंश परम्परा से बिल्कुल अलग जीवट के आदमी निकले। पि

अनुपम मिश्र
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