सुनील दत्ता

सुनील दत्ता
कब सुनेंगे हिमालय का हाहाकार : केदारनाथ त्रासदी का एक साल
Posted on 15 Jun, 2014 11:06 AM
हिमालय चीख-चीखकर पूछ रहा है कि जब मैं मिट जाऊंगा, तब जागोगे तुम लोग? पहाड़ों से चौतरफा छेड़छाड़ ने हिमालय के मायने बदल दिए हैं। यह पर्वत श्रृंखला न सिर्फ विकास की भेंट चढ़ी है, बल्कि आतंकवाद और सीमाविवाद ने भी इसे झकझोरा है। पहाड़ की हरियाली-खुशहाली तबाह कर दी गई। आज तपस्वियों जैसी शांत पहाड़ियों पर जमी भारी-भरकम तोपें हिमालय को मुंह चिढ़ा रही हैं...
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