सत्येंद्र सिंह

सत्येंद्र सिंह
पानी की भारतीय जीवन दृष्टि
Posted on 10 Mar, 2011 11:37 AM
पानी के बारे में यह दृश्य भारतीय संस्कृति में इतनी गहरी हो गई है क
मुनाफे की ‘प्यास’
Posted on 10 Mar, 2011 10:50 AM
विश्वबैंक का आंकलन है कि दुनिया में पानी का बाजार 34,400 अरब रुपए के बराबर है।
जल के निजीकरण का अन्तर्राष्ट्रीय षड्यंत्र
Posted on 10 Mar, 2011 10:30 AM
वित्तीय क्षेत्र पर लगभग पूर्ण नियंत्रण के बाद अब इस पूँजी ने मुनाफ
विश्वबैंक, मुद्राकोष और डब्ल्यूटीओ हैं असली नीति निर्माता
Posted on 10 Mar, 2011 10:02 AM
पानी की बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ और उनके एसोसिएशन- यूएस कोलिशन ऑफ सर
जल पर मिल्कियत देशी-विदेशी कम्पनियों की
Posted on 10 Mar, 2011 09:24 AM
‘वीवेंडी वाटर’ 23 करोड़ रु.
पानी के निजीकरण के खतरे
Posted on 09 Mar, 2011 04:49 PM
कनाडा की स्वच्छ जल की झीलों और नदियों में दुनिया के कुल ताजे पानी
पेयजल की समस्या
Posted on 09 Mar, 2011 02:55 PM
दिल्ली में पानी की किल्लत के चलते पानी कभी हरियाणा से मँगाया जाता
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