संजय सभरवाल

संजय सभरवाल
दाह संस्कार ने गंगा को मैला किया
Posted on 05 Jul, 2011 09:17 AM

गंगा तेरा पानी अमृत, आज ये पंक्तियां अतिश्योक्ति ही बनकर रह गई हैं। हर-हर गंगे की गूंज करने वाले भक्तों ने ही मां गंगा का आंचल मैला कर दिया है। संत तुलसीदास की जन्मस्थली सोरों और इसके आसपास के कछला और लहरा गंगा घाट भी इससे अछूते नहीं रहे। मुक्ति की युक्ति में हर रोज गंगा मैली हो रही है। गंगा के शुद्धिकरण को लेकर प्रदूषण बोर्ड या फिर प्रशासन का मस्तिष्क अभी भी साफ नहीं है। भले ही यहां औद्

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