Posted on 28 May, 2012 10:51 AMआज हमारे जंगल तथा आस-पड़ोस से पक्षियों का चहचहाना कम हो गया है। जिन पक्षियों के चहचहाने से सुबह होने का पता चलता था। आज वे पक्षियां विलुप्त होने के कगार पर हैं इन चिड़ियों से हमारे आस-पास के गंदगियों से सफाई मिलती थी। खतरनाक कीट पतंगों को खाकर हमें अनेक बीमारियों से बचाने वाली चिड़ियों को हमें बचाना होगा। पक्षियों के संरक्षण पर लंबे अरसे से कार्य कर रहे पर्यावरणविद् राकेश खत्री से बात करते संजी