सीएसई

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जब शौच से उपजे सोना
Posted on 28 Oct, 2009 11:46 AM
जब कोई युवा पढ़ाई- लिखाई करके शहरों की ओर भागने की बजाय अपनी शिक्षा और नई सोच का उपयोग अपने गाँव, ज़मीन, अपने खेतों में करने लगे तो बदलाव की एक नई कहानी लिखने लगता है, ऐसे युवा यदि सरकार और संस्थाओं से सहयोग पा जाएं तो निश्चित ही क्रान्तिकारी परिवर्तन ला देते हैं। ऐसी ही एक कहानी है ‘जब शौच से उपजे सोना’ की और कहानी के नायक हैं युवा किसान श्याम मोहन त्यागी......
श्याम मोहन त्यागी का इकोसैन
सूखे को पटकता पाटा
Posted on 01 Jan, 1970 05:30 AM

महाराष्ट्र के सूखा प्रभावित जिलों में सब्जियाँ उगाकर महिलाएं सूखे से लड़ने का एक अनूठा प्रयोग चलाये हुए हैं। दशकों पहले के पाटा पद्धति को अपनाकर वे आज विदर्भ में सूखे को मात दे रही हैं। उत्तर भारत के लोग भी शायद भूले नहीं होंगे ‘बांड़ा’ को, आप जब भी जाइए, कुछ न कुछ मिल ही जाएगा। अपर्णा पल्लवी की एक रिपोर्ट

ललिताबाई अपने पाटा से सब्जी तोड़ती हुईं
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