रोजगार समाचार

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भूभौतिकी में रोज़गार
Posted on 30 Dec, 2010 03:42 PM

भूभौतिकी पृथ्वी विज्ञान की एक शाखा है जिसके अंतर्गत मात्रात्मक भौतिकीय विधियों विशेषकर भूकम्पीयइलैक्ट्रोमैग्नेटिक तथा रेडियोधर्मिता पद्धतियों द्वारा पृथ्वी का अध्ययन किया जाता है। भूभौतिकी की तकनीकों और सिद्धांतों को सामान्यतः ग्रह विज्ञान में त्वरित रूप से प्रयोग में लाया जाता है। जैसा कि नाम से ही परिलक्षित होता है, भूभौतिकी पृथ्वी की विशेषताओं की खोज हेतु भौतिकी सिद्धांतों तथा मापन का अनुप्र

ग़ैर सरकारी संगठनों के प्रबंधन में रोजगार के अवसर
Posted on 23 Nov, 2009 08:13 AM
एनजीओज या ग़ैर सरकारी संगठन स्थानीय, राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित गैर लाभ कमाने वाले स्वैच्छिक समूह हैं। वे समाज की विभिन्न समस्याओं के हल तथा विकास के लिए विभिन्न तरह के कार्य करते हैं। ये संगठन सरकारी या निजी क्षेत्र की फर्मों से जुड़े हैं। वे महिला अधिकारिता, बालिका, लिंग भेद संबंधी मुद्दों, शिक्षा, प्रदूषण, झुग्गी-झोंपड़ियों के निवासियों, स्वास्थ्य, शहरी विकास, मानवाधिकारों तथा
वानिकी में रोजगार के अवसर
Posted on 23 Nov, 2009 08:00 AM
वानिकी एक ऐसा रोचक अध्ययन क्षेत्र है जो उन सब सिद्धांतों तथा व्यवहारों से मिलकर बना है जिनमें वनों के सृजन, संरक्षण तथा वैज्ञानिक प्रबंधन और उनके संसाधनों का उपयोग शामिल है।भारत में वैज्ञानिक वानिकी की शुरुआत सबसे पहले 1864 में वन प्रबंधन के लिए वानिकी व्यावसायिकों को प्रशिक्षित करने के वास्ते हुई थी। देश में विश्वविद्यालय स्तर पर वानिकी शिक्षा वर्ष 1985 में उस समय आरंभ हुई जब राज्य कृषि विश्वविद्
वानिकी में रोजगार के अवसर
Posted on 22 Nov, 2009 08:36 AM
वानिकी एक ऐसा रोचक अध्ययन क्षेत्र है जो उन सब सिद्धांतों तथा व्यवहारों से मिलकर बना है जिनमें वनों के सृजन, संरक्षण तथा वैज्ञानिक प्रबंधन और उनके संसाधनों का उपयोग शामिल है।भारत में वैज्ञानिक वानिकी की शुरुआत सबसे पहले 1864 में वन प्रबंधन के लिए वानिकी व्यावसायिकों को प्रशिक्षित करने के वास्ते हुई थी। देश में विश्वविद्यालय स्तर पर वानिकी शिक्षा वर्ष 1985 में उस समय आरंभ हुई जब राज्य कृषि विश्वविद्
ऊर्जा संरक्षण एवं नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग के क्षेत्र में स्वरोजगार की संभावना
Posted on 22 Nov, 2009 08:29 AM

ऊर्जा किसी राष्ट्र की प्रगति, विकास और खुशहाली का प्रतीक होती है। भारत जीवाश्म ईंधन में आत्मनिर्भर नहीं है, इसके अलावा वैश्विक स्तर पर भी जीवाश्म ईंधन तेजी के साथ दुर्लभ होता जा रहा है। ऐसे में उनके सही उपयोग तथा संरक्षण की आवश्यकता है। दरअसल ऊर्जा दक्षता में सुधार एक राष्ट्रीय मिशन है। इसके अतिरिक्त नवीकरणीय ऊर्जा के स्थानीय तौर पर उपलब्ध् स्रोतों का भी अधिकतम उपयोग करना होगा। इसके अलावा भा
समुद्री इंजीनियरी में रोजगार की संभावनाएं
Posted on 21 Nov, 2009 08:36 AM
पृथ्वी की सतह का तीन-चौथाई हिस्सा पानी से घिरा है और यही कारण है कि समुद्री इंजीनियरी उन व्यक्तियों के लिए बहुत उत्तेजक और चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है जो समुद्र के प्रति उत्कट हैं तथा यंत्रों के साथ कार्य करने के शौकीन हैं। हालांकि तुलनात्मक दृष्टि से यात्रा के लिए जलमार्गों का प्रयोग कम ही होता है, लेकिन 80% से अधिक मालढुलाई का काम समुद्र के जरिए होता है। सामान के अंतर्राष्ट्रीय निर्यात और आयात के लिए
जल-विज्ञान के क्षेत्र में रोजगार
Posted on 21 Nov, 2009 08:29 AM
जल-विज्ञान' पानी की वायुमण्डल के जरिए, भूमि-तल और भूमिगत क्रियाओं से संबंधित विज्ञान है। इसमें पृथ्वी की चट्टानों और खनिजों के साथ पानी की भौतिक, रासायनिक और जैविक अन्योन्यक्रियाओं के साथ-साथ सजीव शरीर-रचनाओं के साथ इसकी विवेचनात्मक पारस्परिक क्रियाएं सम्मिलित हैं। जल विज्ञान से जुड़ा व्यवसायी जल विज्ञानी कहलाता है जो कि पृथ्वी या पर्यावरणीय विज्ञान, भौतिक भूगोल या सिविल और पर्यावरणीय इंजीनियरिंग
भूविज्ञान के क्षेत्र में रोजगार के अवसर
Posted on 21 Nov, 2009 08:10 AM
भूविज्ञान/पृथ्वी विज्ञान में पृथ्वी प्रणाली के उद्गम ढांचे, क्रम विकास तथा गतिशीलता तथा इसके प्राकृतिक संसाधनों का वैज्ञानिक अध्ययन सम्मिलित है। इसमें उन आंतरिक और बाह्‌य प्रक्रियाओं की जांच की जाती है जिनसे पृथ्वी को इसके 46 करोड़ वर्ष के इतिहास में यह स्वरूप प्राप्त हुआ है। भूवैज्ञानिक पृथ्वी के संसाधनों और पर्यावरण के रखवाले माने जाते हैं। वे पृथ्वी और अन्य ग्रहों पर प्राकृतिक प्रक्रियाओं को सम
पर्यावरणीय विज्ञान तथा इंजीनियरिंग में रोजगार की संभावनाएं
Posted on 21 Nov, 2009 08:01 AM
पर्यावरणीय विज्ञान पर्यावरण के भौतिकीय, रासायनिक और जैविक अवयवों के बीच पारस्परिक क्रियाओं का अध्ययन है। पर्यावरणीय विज्ञान पर्यावरणीय व्यवस्था के अध्ययन के लिए समन्वित, परिमाणात्मक और अन्तरविषयक दृष्टिकोण उपलब्ध कराता है। पर्यावरणीय वैज्ञानिक पर्यावरण की गुणवत्ता की निगरानी करते हैं, स्थलीय और जलीय पारिस्थितिकी व्यवस्था पर मानवीय कृत्यों की व्याख्या करते हैं तथा पारिस्थतिकी व्यवस्था की बहाली के ल
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