राजस्थान सरकार
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पंचायत समिति दौसा की भूजल स्थिति
Posted on 02 Nov, 2015 11:05 AMपंचायत समिति, दौसा (जिला दौसा) अतिदोहित डार्क श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा दौसा जिले में 2236 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 1448 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति बांदीकुई की भूजल स्थिति
Posted on 01 Nov, 2015 04:24 PMपंचायत समिति, बांदीकुई (जिला दौसा) अतिदोहित डार्क श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा दौसा जिले में 2236 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 1448 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति सुजानगढ़ की भूजल स्थिति
Posted on 01 Nov, 2015 03:52 PMपंचायत समिति, सुजानगढ़ (जिला चूरू) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों में बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। जिले में उपलब्ध भूजल के अनियोजित दोहन के कारण भूजल संसाधन में कमी उत्पन्न हो गई है।
पंचायत समिति राजगढ़ की भूजल स्थिति
Posted on 01 Nov, 2015 03:19 PMपंचायत समिति, राजगढ़ (जिला चूरू) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों में बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। जिले में उपलब्ध भूजल के अनियोजित दोहन के कारण भूजल संसाधन में कमी उत्पन्न हो गई है।
पंचायत समिति सांगोद की भूजल स्थिति
Posted on 01 Nov, 2015 01:48 PMपंचायत समिति, सांगोद (जिला कोटा) अतिदोहित श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा कोटा जिले में 334 मिलियन घनमीटर थी जो अब बढ़कर 489 मिलियन घनमीटर हो गई है। भूजल अतिदोहन के कारण अतिसिंचित क्षेत्र में पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति खैराबाद की भूजल स्थिति
Posted on 31 Oct, 2015 04:25 PM
पंचायत समिति, खैराबाद (जिला कोटा) अतिदोहित श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा कोटा जिले में 334 मिलियन घन मीटर थी जो अब बढ़कर 489 मिलियन घनमीटर हो गई है। भूजल अतिदोहन के कारण अतिसिंचित क्षेत्र में पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति टोडाभीम की भूजल स्थिति
Posted on 31 Oct, 2015 03:52 PMपंचायत समिति, टोडाभीम (जिला करौली) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों में बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा करौली जिले में 2341 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 2163 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति सपोटरा की भूजल स्थिति
Posted on 31 Oct, 2015 03:37 PMपंचायत समिति, सपोटरा (जिला करौली) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों में बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा करौली जिले में 2341 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 2163 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति नादौती की भूजल स्थिति
Posted on 31 Oct, 2015 03:19 PMपंचायत समिति, नादौती (जिला करौली) संवेदनशील (क्रिटिकल) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों में बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा करौली जिले में 2341 मिलियन घन मीटर थी जो अब घटकर 2163 मिलियन घन मीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति करौली की भूजल स्थिति
Posted on 31 Oct, 2015 03:03 PMपंचायत समिति, करौली (जिला करौली) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों में बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा करौली जिले में 2341 मिलियन घन मीटर थी जो अब घटकर 2163 मिलियन घन मीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।