राजेन्द्रपन्त ‘रमाकान्त’

राजेन्द्रपन्त ‘रमाकान्त’
पलायन मात्र सेमिनारी चिन्तन-मनन
Posted on 15 Oct, 2016 04:04 PM

‘पहाड़ का पानी और जवानी पहाड़ के काम नहीं आती’ कहावत सामाजिक चिन्तकों और राजनीतिज्ञों की जुबानी अक्सर उत्तराखण्ड के पर्वतीय हिस्सों से होते पलायन पर चिन्ता जताते सुना जाना आम है। इस कहावत की सच्चाई पर कोई शक नहीं है। पलायन से हो रहे नफा-नुकसान की चिन्ताओं के बीच पहाड़ के गाँवों की हकीकत जानने निकलें तो पाएँगे कि जिम्मेदार लोगों की चिन्ता नकली है। यदि चिन्ता असली होती तो खाली होते पह

×