पूनम पाण्डे
संभली नहीं तो प्यासी रह जाएगी दिल्ली!
Posted on 22 Mar, 2011 12:09 PMदिल्ली अगर नहीं संभली तो भविष्य में पानी के लिए तरसना होगा। अभी दिल्ली में पानी की सप्लाई और डिमांड में 315 एमजीडी का गैप है। दिल्ली के पास पानी का अपना कोई सोर्स नहीं है। हमें या तो नेचर पर या दूसरे राज्यों पर पानी के लिए निर्भर रहना पड़ता है। अगर नेचर से मिले पानी को संरक्षित नहीं किया गया तो डिमांड और सप्लाई का गैप और बढ़ता जाएगा और जिसे पाटना नामुमकिन हो जाएगा। दिल्ली में हर रोज 1140
ग्रे वॉटर रिसाइकलिंग से पूरी होगी जरूरत
Posted on 19 Feb, 2011 12:05 PMदिल्ली में पानी की खपत बढ़ती जा रही है। साथ ही, सप्लाई और डिमांड के बीच का अंतर भी बढ़ रहा है। इस जरूरत को पूरा करने के लिए जल बोर्ड लोगों को पानी की बर्बादी कम करने के लिए जागरूक भी कर रहा है, लेकिन जानकारों का मानना है कि जब तक ग्रे वॉटर का पूरा इस्तेमाल नहीं किया जाता, तब तक पानी की कमी दूर नहीं हो पाएगी। दिल्ली में हर दिन 200 मिलियन गैलन पानी की रिसाइकलिंग की जा सकती है और इससे 25 लाख लोगों
जल बोर्ड में प्राइवेटाइजेशन की आहट
Posted on 02 Nov, 2010 12:47 PMनई दिल्ली।। वॉटर लॉस कम करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड ऑपरेशंस और मैनेजमेंट का जिम्मा प्राइवेट हाथों में सौंपने की तैयारी कर रहा है। इसकी शुरुआत नांगलोई जोन से होगी। इसके लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है। नए साल की शुरुआत में प्रोजेक्ट रिपोर्ट आ जाएगी जिसके बाद इस पर अमल किया जाएगा। टेंडर के जरिए जिसे भी नांगलोई जोन का जिम्मा दिया जाएगा उसे 30 सालों तक ऑपरेट और मेंटेन की जिम्मेदारी संभालनी होRO हर जगह नहीं OK
Posted on 24 Jul, 2010 02:30 PMनई दिल्ली।। चाहे ऊंची कीमत चुकानी पड़े, घर में पीने का पानी प्योर होना चाहिए - यह सोचकर दिल्ली में बड़ी तादाद में लोग आरओ (रिवर्स ऑसमोसिस) सिस्टम लगवा रहे हैं। आरओ आम तौर पर महंगा है, तो आम आदमी को लगता है कि यह खास प्योरिफायर होगा और किसी भी हद तक की गंदगी या खारेपन को खत्म कर देगा। हकीकत यह है कि दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में इसकी जरूरत नहीं है। यहां बता दें कि पानी की जांच कराए बिन