प्रकाश केलकर

प्रकाश केलकर
टिहरी गढ़वाल हिमालय क्षेत्र में वर्षा जल का व्यवस्थापन
Posted on 26 Apr, 2012 10:29 AM टिहरी गढ़वाल वाले हिमालय परिक्षेत्र में जल की उपलब्धता अल्प, बिखरी एवं आरक्षित है। उचित वर्षा जल व्यवस्थापन हेतु जल का संग्रहण, घरेलू उपयोग एवं भूजल – भरण के लिए करना एवं पीने हेतु शुद्ध जल की उपलब्धता ध्यान में रखते हुए उचित दिशा में कदम उठाए गये हैं। क्षेत्र की जल समस्या के समाधान के लिए वर्षा जल का छत से संग्रहण, भूमि संग्रहण, जल शुद्धिकरण आदि तकनीकी का उचित वापर परिक्षेत्र के विकास हेतु किया ह
राजनांदगाव छत्तीसगढ़ के भूजल में आर्सेनिक प्रदूषण – अध्ययन उपाय एवं सुझाव
Posted on 31 Mar, 2012 04:14 PM छत्तीसगढ़ राज्य के राजनांदगाव जिले के कुछ ग्रामों में स्थित कुओं तथा नलकूपों के जल में आर्सेनिक अधिक मात्रा में पाया गया। यह जल सतत पेयजल के रुप में उपयोग में लाने से वहां के शहरहवासियों पर उसका घातक प्रभाव देखा गया। पेयजल द्वारा आर्सेनिक के सतत सेवन से कैंसर जैसे महाभयंकर रोगों से पीड़ित रुग्ण पाये गये। इन जल स्रोतों की आर्सेनिक की मात्रा के लिए जांच की गई और आर्सेनिक से होने वाले उन घातक परिणामो
पेयजल में फ्लोराइड की मात्रा कम करने में विद्युत अपघटन सयंत्र का योगदान तथा कार्यक्षमता
Posted on 31 Mar, 2012 03:59 PM भारत का ग्रामीण क्षेत्र पेयजल के लिए मुख्यतः भूजल पर निर्भर है। वैज्ञानिक सिद्धांत एवं मानक को दुर्लक्षित कर अंधाधुंध/अव्यवस्थित भूजल के उपयोग से हमारे सामने दो विवादास्पद विषय खड़े हुए हैं। पहला स्रोत की बहनशीलता (Sustainability) में कमी और दूसरा जल गुणवत्ता में गिरावट। पेयजल गुणवत्ता की सभी समस्याओं में फ्लोराइड जल प्रदूषण से स्वास्थ्य पर परिणाम की समस्या, पेयजल में फ्लोराइड की मात्रा अनुज्ञेय स
पेयजल गुणवत्ता में जैविक प्राचल का अभिप्राय और उसके निर्मूलन हेतु उपचार
Posted on 31 Mar, 2012 03:21 PM किसी भी जल स्रोत का उपयोग पेयजल के रूप में लाने से पूर्व उसका रासायनिक और जैविक परीक्षण आवश्यक है। रासायनिक तत्वों से पेयजल की स्वास्थ्य एवं सौन्दर्य पर समस्याओं का पता चलता है तथा जैविक तत्वों की प्रचुरता से जल की योग्यता जांची जा सकती है। आगरा जल संयंत्र का अपरिष्कृत स्रोत, यमुना नदी एवं किथम तालाब है। इस स्रोतों में फाइटोप्लांकटन की आबादी पाई गई है। इसकी प्रचुरता से जल संबंध संयत्र के छन्ने अवर
सतही जल में लोह मैंगनीज की समस्याः अध्ययन एवं निवारण
Posted on 31 Mar, 2012 03:01 PM भारत के ग्रामीण क्षेत्र में भूजल तथा शहरी क्षेत्र में मुख्यतः सतही जल का उपयोग होता है। सतही जल में रासायनिक प्रदूषण की समस्या साधारणतः कम पायी जाती है, परंतु संचित सतह जल के निचली सतह में कार्बनिक, लोह तथा मैंगनीज घुलनशीलता के कारण प्रायः संपूर्ण जल प्रदूषित हो जाता है। यह समस्या जल के निचली सतह में अधिकतम होती है और ऊपरी सतह तक आते-आते कम हो जाती है। इनकी घुलनशीलता के कारण परंपरागत जल प्रक्रिया
×