प्रभात दुबे
प्रभात दुबे
जल लघुकथा : नदी की चतुराई
Posted on 03 Aug, 2015 04:19 PMएक दिन नदी को ठहाका मार कर हँसते हुए देख नदी के तट ने पूछा, दीदी आज क्या बात है। आप बहुत प्रसन्न हैं,नदी ने कहा-भाई मेरे एक बहुत पुरानी बात याद आ गई तो सहसा मैं जोर से हँस पड़ी।
तट ने कहा-‘‘कौन सी घटना थी, क्या मुझे नहीं बताओगी?