न्या. चंद्रशेखर धर्माधिकारी

न्या. चंद्रशेखर धर्माधिकारी
कचरा सिर्फ सड़क पर नहीं होता
Posted on 15 Nov, 2014 10:40 AM
स्वच्छ भारत अभियान या सफाई के कार्यक्रम का स्वागत इसलिए करना चाहिए क्योंकि यह “फैशनेबल इवेंट“ नहीं, बल्कि प्रायश्चित का कार्यक्रम है। ‘झाड़ू’ गांधी की सामाजिक विषमता तथा जात-पात पर आधारित ऊंच-नीच की भावना समाप्त करने वाली सामाजिक क्रांति का प्रतीक थी। वैसे भी क्रांति का अंकगणित नहीं होता, ’प्रतीक’ होते हैं। झाड़ू या सफाई का कार्यक्रम जाति निवारण का वर्ग निराकरण का भी प्रतीक था।

उस क्रांति के पीछे भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व भावना निर्माण करना, जो धर्म, भाषा, प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभाव के परे हो, की भावना थी। असमानता में विश्वास रखने वालों के लिए स्वच्छता अभियान अखबार की खबर और हाथ में झाड़ू लेकर फोटो का पोज छपवा लेने का कार्यक्रम है।
swatch bharat
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