Posted on 31 May, 2013 11:55 AMलगभग 11 लाख की आबादी वाला यह जिला देश के सबसे अधिक गरीबी वाले जिले में रखा जाता था। 1985 में जहां 88 फीसदी लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन जी रहे थे, वहीं आज लगभग 33 फीसदी लोग ही गरीबी रेखा के नीचे हैं। एफसीआइ के अनुसार यहां 1997 में 40 हजार टन चावल खरीदा गया था। जबकि आज यहां 80 हजार टन चावल खरीदा जा चुका है और 1.25 चावल प्राप्त किए जाने की उम्मीद है। यह पूरे राज्य का एक तिहाई है। कृषि जानकारों का कहन
Posted on 09 Aug, 2012 10:15 AMकृषि वैज्ञानिकों का यह मानना है कि अगर वर्षा आधारित क्षेत्रों की उत्पादकता में वृद्धि की जाए तो उत्पादन में वृद्धि के नवीन लक्ष्य प्राप्त किए जा सकते हैं लेकिन इसके लिए यह आवश्यक है कि इन क्षेत्रों में इस प्रकार जल प्रबंधन और संरक्षण किया जाए कि साल भर खेती के लिए उपयोग में लाए जाने योग्य जल की कोई कमी न रहे।