महाश्वेता देवी

महाश्वेता देवी
एक करोड़ मत्स्यजीवियों को संकट में न डालें
Posted on 25 Oct, 2010 09:29 AM
समुद्र किनारों का चेहरा सुरक्षित रखने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि मत्स्यजीवियों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। समुद्र इलाकों में मछली मारने के अधिकार से मत्स्यजीवियों को कदापि वंचित नहीं रखा जाना चाहिए। केंद्रीय पर्यावरण व वन मंत्रालय ने गत पंद्रह सितंबर 2010 को कोस्टल रेगुलेशन जोन (सीआरजेड) 2010 शीर्षक से जो अध्यादेश जारी किया है, उसमें देश के मत्स्यजीवियों के हितों की निर्मम तरीके से अनदेखी की गई है। सीआरजेड के लागू होने के बाद बंगाल के दो लाख और पूरे देश के एक करोड़ मत्स्यजीवी संकट में पड़ जाएंगे।

सीआरजेड की पांच सौ मीटर के भीतर आवासन परियोजनाओं से लेकर विशेष आर्थिक क्षेत्र व अन्य संयंत्रों को लाने के प्रस्ताव से लगता है कि अतीत की सारी गलतियों को वैधता देना इसका एक मकसद रहा है।
नहीं चाहिए नयाचर में केमिकल हब
Posted on 31 Aug, 2010 07:35 AM

पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य जमीन के सवाल पर निकट अतीत की गलतियों से सबक नहीं लेना चाहते। उनकी सरकार अब पूर्वी मेदिनीपुर के नयाचर में केमिकल हब स्थापित करने को तत्पर हो उठी है। नयाचर द्वीप की जमीन इंडोनेशिया के सलेम समूह को केमिकल हब बनाने के लिए दी जा रही है। भोपाल गैस त्रासदी की यादें अभी ताजा हैं फिर भी यह सरकार, जो अपने को जनवादी कहती है, किसलिए केमिकल हब के लिए व्याकु
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