माउंटेन फॉरम हिमालयाज

माउंटेन फॉरम हिमालयाज
कपूर बावड़ी (Kapoor Baori)
Posted on 20 Sep, 2010 01:20 PM

जिला हमीरपुर के भोटा कस्वे में स्थित यह प्राचीन बावड़ी लगभग 50 वर्ष पुरानी है। लाला कपूर द्वारा निर्मित यह बावड़ी 2016 विक्रमी सम्बत में किया गया था। पेय जल का मुखय स्त्रोत आज सिर्फ नहाने-धोने के ही काम आत है। लबालब जल से भरी यह बावड़ी आज भी 60-70 परिवारों को स्वच्छ पेय जल प्रदान करने में सक्षम है जरूरत है इसे सम्भालने संवारने की।

सरांह बावड़ी (Sarahan Baori)
Posted on 20 Sep, 2010 12:39 PM

जिला सिरमौर में सरांह से 15 किलो मीटर दूर कुमार हट्‌टी की तरफ स्थित यह प्राचीन बावड़ी व साथ में सरांए बयाँ करती है कि कभी यहां राहगीरों के मेले लगा करते थे। तथा सारी थकान मिटाने बाला निर्मल, ठण्डे जल से अपनी मुख प्यास मिटा कर आराम किया जाता होगा। आज राह गीर इसके पास से एक पडाव भी नहीं लेते और न ही इसकी तरफ निहारते हैं। प्राचीन निर्माण कला का विशिष्ट नमूना आज भी नवनिर्मित कला को टक्कर देती है।

थुरल बावड़ी (Bawri at Thural, Kangra)
Posted on 20 Sep, 2010 12:25 PM

थुरल बावड़ी: जिला कांगड़ा के नौण गांव में स्थित एक अन्य बावड़ी जिसकी 10 वर्ष पूर्व पंचायत द्वारा मरम्मत की गई थी। तथा एक व्यवस्था प्रदान की गई ताकि जल देवता की शुद्धि बरकरार रहे। इसके बगल में पूर्वजो के मोहरे आज भी संस्कृति की मजबूती के प्रमाण है।

गौरी शंकर मन्दिर बावड़ी, भिडा, जिला हमीरपुर
Posted on 20 Sep, 2010 11:48 AM

जिला हमीरपुर के भिडा में सडक के किनारे गौरी शंकर मन्दिर के समीप स्थित यह बावड़ी असंखय राहगीरों के साथ-साथ ग्रामीणों को भी पेयजल प्रदान कर सकून का एहसास करवाती है।साल भर जल से लवालव भरी रहने वाली यह बावड़ी लगभग 150 परिवारों को प्रतिदिन प्राणदान देने में सक्षम है।

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