कृष्ण गोपाल 'व्यास’

कृष्ण गोपाल 'व्यास’
बघेलखण्ड की जल चौपाल
बघेलखण्ड अंचल की लोक संस्कृति में जल विज्ञान और प्रकृति के बारे में जानकारी प्राप्त करें | Get information about hydrology and nature in the folk culture of Baghelkhand region
Posted on 09 Dec, 2014 03:20 PM

अध्याय तीन

water is life
जल मंथन का अमृत : जल संकट मुक्त गांव का वायदा
Posted on 28 Nov, 2014 05:20 PM

भारत सरकार के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय द्वारा 20 नवंबर से 22 नवंबर, 2014 के बीच आयोजित जल मंथन बैठक समाप्त हो गई।

बैठक का पहला और दूसरा दिन भारत सरकार और राज्य सरकारों के बीच संचालित तथा प्रस्तावित महत्वपूर्ण योजनाओं पर चर्चा के लिये नियत था। इस चर्चा में उपर्युक्त योजनाओं से लगभग असहमत समूह को सम्मिलित नहीं किया गया था। तीसरे दिन के सत्र में सरकारी अधिकारी और स्वयंसेवी संस्थानों के प्रतिनिधि सम्मिलित थे। तीसरे दिन के सत्र में स्वयं सेवी संस्थानों ने अपने-अपने कामों के बारे में प्रस्तुतियां दीं।
Jal Manthan
जल स्वराज : मुमकिन है
Posted on 15 Nov, 2014 01:12 PM

पानी के प्रबंध की फिलासफी का अंतिम लक्ष्य जल स्वराज है। जलस्वराज, हकीकत में पानी के प्रबंध की वह आदर्श व्यवस्था है जिसमें हर बसाहट, हर खेत-खलिहान तथा हर जगह जीवन को आधार प्रदान करती पानी की इष्टतम उपलब्धता सुनिश्चित होती है।

जल स्वराज, हकीकत में पानी का ऐसा सुशासन है जो जीवधारियों की इष्टतम आवश्यकता के साथ-साथ पानी चाहने वाले प्राकृतिक घटकों की पर्यावरणी जरूरतों को बिना व्यवधान, पूरा करता है।

वह, जीवधारियों को जल जनित कष्टों से मुक्त करता है। उन्हें आरोग्य प्रदान करता है। स्वचालित एवं स्वनियंत्रित प्राकृतिक व्यवस्था की मदद से पानी को खराब होने से बचाता है। खारे पानी को शुद्ध करने के लिए वाष्पीकरण को मदद करता है।
Talab
तालाब पुनरोद्धार अभियान का रोडमैप
Posted on 06 Nov, 2014 03:33 PM


इन दिनों पूरे देश में नदियों और तालाबों के पुनरोद्धार की चर्चा है। चर्चा के असर से उनके पुनरोद्धार के अभियान शुरू हो रहे हैं। वे, धीरे धीरे देश के सभी इलाकों में पहुंच रहे हैं। अभियानों के विस्तार के साथ-साथ, आने वाले दिनों में इस काम से राज्य सरकारें, जन प्रतिनिधि, नगरीय निकाय, सरकारी विभाग, अकादमिक संस्थान, कारपोरेट हाउस, स्वयं सेवी संस्थाएं, कंपनियां, ठेकेदार एवं नागरिक जुड़ेंगे। सुझावों, परिस्थितियों तथा विचारधाराओं की विविधता के कारण, देश को, तालाबों पुनरोद्धार के अनेक मॉडल देखने को मिलेंगे। यह विविधता लाजिमी भी है।

कुछ मॉडल अधूरी सोच और सीमित लक्ष्य पर आधारित होंगे तो कुछ तालाब की अस्मिता की समग्र बहाली को अभियान का अंग बनाएंगे। इसी कारण कुछ मॉडल तात्कालिक तो कुछ दीर्घकालिक लाभ देने वाले होंगे। अभियान में कहीं-कहीं समाज भागीदारी करेगा तो कहीं-कहीं वह केवल मूक दर्शक की भूमिका निबाहेगा।

Talab
अविरल गंगा: निर्मल गंगा का एक्शन प्लान
Posted on 04 Oct, 2014 10:44 AM


गंगा, आदिकाल से स्वच्छ जल का अमूल्य स्रोत और प्राकृतिक जलचक्र का अभिन्न अंग रही है। इसके अलावा, आर्य संस्कृति के विकास की कहानी भी किसी हद तक गंगा के पानी के समावेशी अवदान की कहानी है। उसके निर्मल जल ने, एक ओर यदि समाज की निस्तार, आजीविका तथा खेती की आवश्यकताओं को पूरा किया है तो दूसरी ओर गंगाजल की पवित्रता ने उसे धार्मिक अनुष्ठानों में अनिवार्य बनाया है।

वह कछार की जीवंत जैविक विविधता, हमारी सांस्कृतिक विरासत और अटूट आस्था तथा देश की लगभग 43 प्रतिशत आबादी की आवश्यकताओं की पूर्ति का विश्वसनीय आधार है। भारत सरकार द्वारा 1990 में प्रकाशित नेशनल वाटरशेड एटलस के अनुसार गंगा नदी तंत्र में 836 वाटरशेड, 126 सहायक कैचमेंट और 22 कैचमेंट हैं। ये कैचमेंट मुख्यतः हिमालय, अरावली और विन्ध्याचल पर्वतमाला में स्थित हैं तथा उनसे निकलने वाली नदियाँ अपने से बड़ी नदी से मिलकर अंततः गंगा में समा जाती हैं। हिमालयीन नदियों को बर्फ के पिघलने से गर्मी के मौसम में अतिरिक्त पानी मिलता है पर अरावली तथा विन्ध्याचल पर्वत से निकलने वाली नदियों का मुख्य स्रोत मानसूनी वर्षा है।

<i>प्रदूषित गंगा</i>
नदी पुनर्जीवन में भूजल विज्ञान का योगदान
Posted on 29 Aug, 2014 03:42 PM


सारी दुनिया में, आदिकाल से नदियां स्वच्छ जल का अमूल्य स्रोत रही हैं। पिछले कुछ सालों से भारत की अधिकांश नदियों के गैर-मॉनसूनी प्रवाह में कमी आ रही है, छोटी-छोटी नदियां तेजी से सूख रही हैं और लगभग सभी नदियों के किसी-न-किसी भाग में प्रदूषण बढ़ रहा है। यह स्थिति हिमालयीन नदियों में कम तथा भारतीय प्रायद्वीप की नदियों में अधिक गंभीर है।

dry river
नदी पुनर्जीवन की राह आसान करता नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल
Posted on 22 Aug, 2014 11:36 AM

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 20 अगस्त, 2014 के अपने अंतरिम फैसले में मध्य प्रदेश सरकार को निर्देशित किया है कि वह बेतवा की सहायक नदी कलियासोत नदी के दोनों ओर 33 मीटर के क्षेत्र को नो-कंस्ट्रक्शन जोन घोषित करे और नदी के दोनों ओर 33 मीटर के दायरे में आने वाले क्षेत्र को ग्रीन बेल्ट घोषित कर, सभी अवैध निर्माण कार्यों को तुड़वाए और निर्माण कार्यों के तुड़वाने
river rejuvenation
मालवा की जल चौपाल
Posted on 03 Jul, 2014 11:53 AM

‘जल चौपाल’ नाम की एक पुस्तक का पांचवां अध्याय है मालवा की जल चौपाल। सप्रे संग्रहालय और राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी परिषद के सामूहिक सहयोग से जल चौपाल पुस्तक तैयार की गई है।
river bank
कुछ विचार, कुछ सुझाव
Posted on 10 Jun, 2014 01:13 PM

देश में उपलब्ध कुल पानी में से सरकार द्वारा उपयोग में लाए जा
Agriculture
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