किरण अग्रवाल

किरण अग्रवाल
अभिलाषा
Posted on 10 Oct, 2014 12:59 PM
मैं नहीं चाहती बनना
नदी का एक द्वीप
या रेत का टीला
नदी से कटा हुआ

मैं चाहती हूं नदी में डूबना
और उतराना
गहराई में जाना
छूना तल को
अंगुलियों से
महसूसना
हर अनगढ़ पत्थर को
हरी-हरी काई पर
फिसलना चाहती हूं

मैं लहरों की धड़कन बनना चाहती हूं
मैं चाहती हूं सांझ के संगीत को गुनगुनाना
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