जसविन्दर सिंह

जसविन्दर सिंह
हमारा प्यासा मध्यप्रदेश
Posted on 16 Aug, 2011 09:35 AM

जलती है धरती पानी दो, मरती है धरती पानी दो, सूखे कंठों को पानी दो, चौके चूल्हे को पानी दो।

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