ईशा राय

ईशा राय
मौत के मुंह से बचे फौजी अफसर ने बदली एक गांव की तकदीर
Posted on 17 Apr, 2012 11:25 AM
कर्नल डीके पिल्लई (दाएं से दूसरे) लांगदाईपबरम मेंमणिपुर के दूरदराज और दुर्गम गांव लांगदाईपबरम में पिछले हफ्ते जब जनता को आत्मावलंबी बनाने वाली एक परियोजना का उद्घाटन किया गया तो इसमें सेना के एक अधिकारी और गांव के बीच एक नए बंधन की नजीर पेश की। यह गांव राज्य के सबसे समस्याग्रस्त गांवों में है। अठारह साल पहले भारतीय सेना के युवा कैप्टन डीपीके पिल्लई लांगदाईपबरम में बागियों के खिलाफ एक फौजी दबिश के दौरान बुरी तरह घायल हो गए थे। यह 1994 की बात है।
कर्नल डीके पिल्लई (दाएं से दूसरे) लांगदाईपबरम में
×