इंडिया वाटर पोर्टल (हिन्दी)

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भूकम्प से कैसे निपटें (How to deal with Earthquake in Hindi)
Posted on 22 Aug, 2016 02:50 AM

भूकम्प का पूर्वानुमान सम्भव नहीं


भूकम्प एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका पूर्वानुमान सम्भव नहीं है। विज्ञान की तमाम आधुनिक सुविधाओं के बावजूद भूकम्प आने के समय, भूकम्प के असर का दायरा और तीव्रता बताना मुश्किल है।

बीबीसी को दिये गये अपने एक बयान में प्रो. चंदन घोष बताते हैं कि जब कोई भूकम्प आता है तो दो तरह के वेव निकलते हैं। एक को प्राइमरी वेव कहते हैं और दूसरे को सेकेन्ड्री वेव कहते हैं।

प्राइमरी वेव की गति औसतन 6 कि.मी. प्रति सेकेन्ड की होती है जबकि सेकेन्ड्री वेव औसतन 4 कि.मी. प्रति सेकेन्ड की रफ्तार से चलती है। इस अन्तर के चलते हरेक 100 कि.मी. पर 8 सेकेन्ड का अन्तर हो जाता है। यानि भूकम्प केन्द्र से 100 कि.मी. दूरी पर 8 सेकेन्ड पहले पता चल सकता है कि भूकम्प आने वाले है।
वॉक फॉर वाटर
Posted on 11 Mar, 2015 10:56 AM
सामाजिक और प्राकृतिक रूप से आज जल संकट एक विकराल रूप धारण कर चुका है। यदि ऐसा ही हाल रहा तो कोई भी सरकार अपने नागरिकों को पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री उपलब्ध नहीं करवा पाएगी साथ ही 2025 तक हर तीन में से दो व्यक्ति पानी के संकट से जूझेंगे।

पानी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए फोर्स संस्था विश्व जल दिवस (22 मार्च 2015) के मौके पर एक पदयात्रा का आयोजन कर रही है। यह पदयात्रा सुबह 9:30 बजे राजघाट से शुरू होकर इण्डिया गेट पर 11:30 बजे खत्म होगी। इस यात्रा में केन्द्रीय जल संसाधन और गंगा विकास मन्त्री उमा भारती, दिल्ली के मुख्यमन्त्री अरविन्द केजरीवाल सहित कई नामचीन हस्तियों के शामिल होने की उम्मीद है।
निमंत्रण: अनुपम जी का व्याख्यान
Posted on 20 Nov, 2013 02:26 PM

प्रसार भारती द्वारा आयोजित

राजेन्द्र प्रसाद स्मृति व्याख्यान: २०१३

वक्ता: श्री अनुपम मिश्र

२२ नवम्बर, २०१३ शुक्रवार, सायं: ६.०० बजे
स्थान- त्रिवेणी कला संगम सभागार,
२०५, तानसेन मार्ग, नई दिल्ली

राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान, रूड़की द्वारा प्रकाशित तकनीकी पत्रिका ‘जल चेतना’ के लिए लेख आमंत्रण
Posted on 30 Dec, 2011 10:35 AM
राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थानन, रूड़की ने वैज्ञानिक एवं तकनीकी कार्यों में राजभाषा हिंदी के प्रयोग को व्यापक बढ़ावा एवं प्रोत्साहन देने के दृष्टिकोण से सितम्बर-2011 माह से ‘जल चेतना’ तकनीकी पत्रिका का प्रकाशन प्रारंभ किया है। पत्रिका का द्वितीय संस्करण फरवरी-2012 में प्रकाशित किया जाना निर्धारित है। इस पत्रिका में तकनीकी रिपोर्ट, शोध पत्रों का विश्लेषण, महत्वपूर्ण तकनीकी जानकारियां तथा अन्य प्रासं
जिंदल प्राइज़ के लिए आवेदन आमंत्रित
Posted on 11 Mar, 2011 10:18 AM
हमारे देश को बदलाव की जरूरत है। नैतिक आदर्शों, शांति, स्वास्थ्य, शिक्षा और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देते हुए, उन व्यक्तियों तथा संस्थाओं को प्रोत्साहित एवं प्रेरित करने के लिए जिन्होंने समाज की सेवा की है और एक अंतर पैदा किया है, सीताराम जिंदल फाउंडेशन ने एक प्रतिष्ठित पुरस्कार-जिंदल प्राइज़ की शुरुआत की है। यह वार्षिक पुरस्कार निम्नलिखित पाँच श्रेणियों में व्यक्तियों या संस्थाओं द्वारा किये गये
नागरिक परिषद जुटेगी यमुना बचाने में
Posted on 01 Jul, 2010 09:33 AM
नदी को बचाने के लिए अदालतों के आदेश को ठीक से लागू नहीं किया सरकार नेः वीरेश

नई दिल्ली, 30 जून। नागरिक परिषद दिल्ली ‘यमुना बचाओ अभियान’ शुरु करने जा रही है जिसकी अगुआई परिषद के अध्यक्ष वीरेश प्रताप चौधरी, पूर्व मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना और दिल्ली के पूर्व मंत्री राजेंद्र गुप्ता करेंगे। इसकी जानकारी बुधवार को परिषद की ओर से हुई प्रेस कांफ्रेंस में दी गई। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना और वीरेश प्रताप चौधरी ने बताया कि परिषद ने दिल्ली में चार जुलाई को एक संगोष्ठी का आयोजन किया है, जिसमें चंद विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया गया है। उस बैठक में अभियान की आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी। खुराना ने कहा कि यमुना दिल्ली और दिल्लीवालों के लिए सिर्फ एक नदी नहीं, इसकी जीवन रेखा है। यह हमारी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत
जल सत्याग्रह पर राष्ट्रीय सम्मेलन
Posted on 11 Jun, 2010 12:55 PM

25-26 जून को भोपाल में

इग्नू ने शूरू किया जल संचय से जुड़ा पाठ्यक्रम
Posted on 11 Jun, 2010 10:13 AM
10 जून 2010 नई दिल्ली। नदियों के देश में पीने के पानी का संकट गहराता जा रहा है। भूजल का स्तर भी लगातार गिर रहा है। गिरते भूजल स्तर को रोकने के लिए तमाम उपाय किए जा रहे हैं। दरअसल जनसंख्या में लगातार वृद्धि बढ़ते शहरीकरण और उद्योगीकरण, कृषि उपज की बढ़ती मांग से, जल की मांग में बेतहाशा इजाफा हुआ है। इससे सतह और भूजल संसाधनों का बेतरह दोहन हो रहा है। नतीजे में भूजल स्तर में लगातार कमी हो रही है। शहरी
नेपाल में उठेगा नदियों के प्रदूषण से प्रभावितों का मुददा
Posted on 15 May, 2010 07:31 PM

नीर फाउन्डेशन के रमन त्यागी करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व


नेपाल इंजीनियनिंग कॉलिज द्वारा सेफ ड्रिंकिंग वाटर प्रोजेक्ट व डेवलेपमेंट पार्टनरशिप आफ हायर एजूकेशन प्रोग्राम के तहत एक तीन दिवसीय सेमीनार का आयोजन किया जा रहा है। इसमें करीब 30 देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इस सेमीनार का विषय एप्रोप्रियेट वाटर सप्लाई शोल्यूशन फार इंफोरमल सेटिलमेंट एण्ड मारजिनालाइज्ड कम्यूनिटीज रखा गया है। यह सेमीनार 19 से 21 मई, 2010 को नेपाल की राजधानी काठमांडू के होटल हिमालय में आयोजित की जा रही है। इस सेमीनार के लिए पानी की सल्लाई, बर्बादी, देखरेख, स्वास्थ्य, सरकारी जिम्मेदारियां, कानून, पर्यावरण, नए जानकारियां तथा विश्व में सरकारी व गैर सरकारी स्तर
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