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केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के मौजूदा मसौदे पर एतराज दर्ज
Posted on 02 Aug, 2011 12:59 PMपहले से ही हम पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अनेकों कदम उठा रहे हैं। ऐसी दशा में पर्यावरण संरक्षण के नाम पर गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाना उचित नहीं होगा।
देहरादून। इको सेन्सिटिव जोन उत्तरकाशी के बारे में मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया कि केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के मौजूदा मसौदे पर एतराज दर्ज किया जायेगा। उत्तरकाशी से गोमुख तक रहने वाले लोगों के हितों की अनदेखी नहीं होने दी जायेगी। इस सिलसिले में मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक पहले ही भारत सरकार से अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं। मुख्य सचिव ने सभी सबंधित विभागों को निर्देश दिया कि वे हर हाल में ड्राफ्ट के बारे में अपनी आपत्तियां अगले 22 जुलाई 2011 तक प्रस्तुत करें। इन आपत्तियों को संकलित कर उत्तराखण्ड सरकार का पक्ष वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भेजा जायेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि गंगा नदी के बीच से दोनों ओर 100 मीटर के दायरे में गतिविधियों पर रोक लगाये जाने पर उत्तरकाशी का जन जीवन प्रभावित होगा।