गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’

गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’
इस व्यापारी को प्यास बहुत है।
Posted on 19 Aug, 2013 12:40 PM
बांधएक तरफ बर्बाद बस्तियाँ-एक तरफ हो तुम।
एक तरफ डूबती कश्तियाँ-एक तरफ हो तुम।
एक तरफ है सूखी नदियाँ-एक तरफ हो तुम।
एक तरफ है प्यासी दुनिया- एक तरफ हो तुम।
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