डॉ. वाई.एस. शिवे और डॉ. टीकम सिंह
डॉ. वाई.एस. शिवे और डॉ. टीकम सिंह
संवहनीय खेती : फसल स्वरूप का पानी की उपलब्धता के अनुरूप निर्धारण
Posted on 19 Dec, 2017 04:50 PMखेती की समुचित प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल, फसल पश्चात प्रसंस्करण तथा गुणवत्ता में वृद्धि के जरिए मौजूदा पारम्परिक कृषि में सुधार मुमकिन है। इससे खेती न सिर्फ लम्बे समय में संवहनीय बनेगी बल्कि उत्पादन को उपभोक्तावाद से जोड़कर इसे लाभकारी व्यवसाय भी बनाया जा सकेगा। दीर्घकालिक रूप से खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भरता बनाए रखने के लिये धान-गेहूँ रोटेशन प्रणाली की उपज क्षमता और पर्यावरण अनु