डॉ. एम. महतो एवं श्री लुटबरण महतो

डॉ. एम. महतो एवं श्री लुटबरण महतो
वनों के उत्थान के लिये वन प्रबन्धन की उपयोगिता
Posted on 09 Nov, 2017 03:26 PM

प्राचीन काल से मानव पादप समुदाय से जुड़े हुए हैं एवं इसकी महत्ता हमारे जीवन की प्रत्येक पहलु से जुड़ी हुई है। पौधों की पत्तियाँ, जड़ों एवं मुलकन्दों को अपने आहार के रूप में, वृक्षों की छाल एवं पत्तियों से अपना तन ढँकने में किया करते थे। उस समय जनसंख्या बहुत रहने के कारण आवश्यकताएँ भी सीमित थी एवं वनों को उपयोग नगण्य मात्र था, अतः वन-प्रबन्धन की आवश्यकता महसूस नहीं की गई। परन्तु दिनों बढ़ती आबादी
जंगल
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