डॉ. ए.के. अरुण

डॉ. ए.के. अरुण
पानी पीजिए जरा संभल कर
Posted on 27 Jun, 2012 10:08 AM
जल है तो कल है, जीवन का हर पल है- यह बात उतनी ही अगम्य और अचूक है जितनी कि ईश्वर के प्रति हमारी आस्था, धार्मिकता और अटल विश्वास। प्रकृति प्रदत्त वरदानों में हवा के बाद जल की महत्ता सिद्ध है। जल पर हम जन्म से लेकर मृत्यु तक आश्रित हैं। वैदिक सास्त्रों के अनुसार जल हमें मोक्ष भी प्रदान करता है। कवि रहीम के शब्दों में जल महत्ता इन पंक्तियों से स्पष्ट है -
सिक्किम की आपदा से उभरे असहज सवाल
Posted on 23 Sep, 2011 11:19 AM

तीव्र भूकंप, सूनामी एवं भयानक हादसों से गुजरता देश भारत, कॉमनवेल्थ खेल और ओलंपिक के आयोजन में

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