दाताराम चमोली

दाताराम चमोली
जनता ही बचा सकती है जंगल
Posted on 21 Jun, 2016 04:35 PM

दुर्भाग्य है कि जो जनता सदियों से जंगलों को पालती-पोसती रही और जंगलों को बचाना जिसकी परम्परा रही, जब कभी पेड़ों पर कुल्हाड़ियाँ और आरियाँ चलीं तो वह उन पर चिपक गई, वही जनता आज जंगलों को जलाने की दोषी ठहराई जा रही है।
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