डां. किशोर पंवार

डां. किशोर पंवार
सहजनः स्वर्ग का पेड़
Posted on 12 Mar, 2011 10:11 AM
पिछले कुछ अर्से से पर्यावरणविद टिकाऊ विकास की बातें कर रहे हैं। टिकाऊ विकास यानि ऐसा विकास, जो लम्बे समय तक हमारा साथ दे, हमारे प्राकृतिक संसाधनों को बिना नुकसान पहुंचाए उन्हें देर तक उपलब्ध बनाएं रखें, हमारी आर्थिक वृद्धि भी बाधित न हो और पर्यावरण भी शुद्ध बना रहे और प्राकृतिक संसाधनों का समुचित दोहन हो पर प्राकृतिक विनाश नहीं हो। कुल मिलाकर यही है स्थायी विकास या टिकाऊ विकास। दरअसल, यह अवधारणा 1987 में ब्रुटलेण्ड की चर्चित पुस्तक ‘‘अवर कॉमन फ्यूचर‘ से निकली है। जिसमें यह स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि हमारे प्राकृतिक संसाधन अनुकूल और अमिट नहीं हैं। हमारे जंगल, कोयला, पेट्रोल और पीने लायक साफ पानी सभी बड़ी तेजी से घट रहे हैं। अतः अब आगे विकास ऐसा होना चाहिए जिसमें ‘‘धरती की सेहत‘‘ का भी ख्याल रखा जाए।
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