दैनिक जागरण
स्वामी ज्ञानस्वरूप को हार्ट अटैक के बाद एम्स में भर्ती
Posted on 20 Mar, 2012 09:59 AMनई दिल्ली। गंगा को निर्मल-अविरल बनाने के लिए आंदोलनरत स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद सोमवार को भी विरोध करते रहे और उन्हें जबरन बीएचयू से दिल्ली के एम्स में शिफ्ट कर दिया गया। एयर एंबुलेंस से भेजे गए स्वामी सानंद के स्वास्थ्य के बारे में फिलहाल डॉक्टरों ने कुछ कहने से इंकार कर दिया है। खबर मिलने पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भी एम्स जाकर स्वामी सानंद से मुलाकात की। अपना समर्थन जाहिर करते हुए कहा-गंगा के लिए सबको करना होगा प्रयास : अविमुक्तेश्वरानंद
Posted on 17 Jan, 2012 05:54 PMजागरण संवाददाता, इलाहाबाद : जीवनदायिनी गंगा को उनके वास्तविक स्वरूप में लाकर ही भारतीय संस्कृति की रक्षा की जा सकती है। इसके लिए हर इंसान को अपने स्तर से प्रयास करना होगा। सामूहिक प्रयास से ही गंगा प्रदूषण मुक्त होंगी। यह विचार गंगा सेवा अभियानम् के संयोजक स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सोमवार को माघमेला क्षेत्र स्थित शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिविर में भक्तों को संबोधित करते हुपर्यावरण पर विशेष ग्रोइंग सेक्टर है ग्रीन जॉब
Posted on 13 Nov, 2011 08:34 PMपिछले दो ढाई दशकों से इंडस्ट्रियल ग्रोथ के नाम पर जो विकास हो रहा है, उसकी बड़ी कीमत हमारी धरती को अपने ही अस्तित्व के एक हिस्से को मिटाकर चुकानी पड़ रही है। इस दौरान हम पृथ्वीवासियों ने खुद अपने जीवन को खतरे में डाल दिया है। सड़कें चौड़ी करने के नाम पर जंगलों का सफाया किया गया, घर-घर लगे एसी, रेफ्रीजरेटर्स, बोझ बनते ट्रैफिक ने शहरों की आबोहवा में ही जहर भर दिया। यही नहीं इस बीच वन्य जीवन की स्थिति भी बद से बदतर होती गई। घटते वन, अंधाधुंध शिकार, जागरूकता की कमी आदि के चलते, वन्यजीवन की स्थित और दयनीय हुई है। परिणामस्वरूप वे पशु जिनकी असल जगह वनों में हुआ करती थी, जानवर-इंसान की नियमित मुठभेड़ों के किरदार बनते गए। आज ऐसी बहुत सी परेशानियां धरती के जीवन और मृत्यु के बीच यक्ष प्रश्न का रूप ले चुकी हैं। यही कारण है कि कार्बन उत्सर्जन कटौती को लेकर दुनिया भर के तमाम देश नए समझौते को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। स्थिति की भयावहता को देखते हुए हर देश की सरकार और निजी क्षेत्र, पर्यावरण संरक्षण से संबंधित जॉब बढ़ा रहे हैं और संबंधित प्रोफेशनल्स को वरीयता दे रहे हैं। इससे न सिर्फ रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं, बल्कि इस क्षेत्र को भविष्य का सबसे पसंदीदा सेक्टर माना जा रहा है।
गौतमबुद्ध नगर बन रहा तालाबों की कब्रगाह, एनजीटी खोज रहा तालाब
Posted on 06 Jan, 2023 01:27 PMगौतमबुध नगर में हैं 1000 तालाब , लगभग 171 तालाबों पर अवैध कब्जा। अधिकारियों को तालाबों पर हो रहे कब्जों की थी जानकारी, नहीं की कार्रवाई। नोएडा प्राधिकरण व प्रशासन के अधिकारियों की घोर लापरवाही आई है सामने। वर्षा जल संचय व भूजल रिचार्ज का सबसे सशक्त माध्यम तालाबों को माना जाता है। एक हजार तालाबों के साथ गौतमबुद्ध नगर मजबूत स्थिति में है, लेकिन भू-माफिया व अतिक्रमण करने वालों की नजरें तालाब को जम
स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत
Posted on 16 Sep, 2018 06:12 PMबधाई हो। चार साल पहले दो अक्टूबर, 2014 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में जिस स्वच्छता और साफ-सफाई की मुहिम चलाई थी, वह आज एक बड़े आन्दोलन में तब्दील हो चुकी है। जिसका सकारात्मक रूप दिखने भी लगा है।फार्मास्युटिकल मैनेजमेंट हेल्थ भी, वेल्थ भी
Posted on 14 Oct, 2011 05:16 PMआमतौर पर यह समझा जाता है कि मेडिसिन की दुनिया डॉक्टरों, मरीजों के इलाज और दवाएं देने तक ही सीमित है लेकिन नहीं। मेडिसिन यानी फार्मास्युटिकल का क्षेत्र आज दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ती इंडस्ट्री में से एक है। यही कारण है कि आज इसमें दवाओं के वितरण, मार्केटिंग, पब्लिक रिलेशंस, फार्मा मैनेजमेंट आदि में स्किल्ड लोगों की मांग में काफी तेजी आ गई है। भारत जैसी विशाल आबादी और बेरोजगारी वाले देश में यह क
खूब अवसर हिंदी में
Posted on 14 Oct, 2011 04:35 PMअब हिंदी केवल राजभाषा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वैश्विक बाजार में भी अपनी जगह बना रही है। चाहे वह अध्यापन का कार्य हो या कॉल सेंटर्स, टूरिज्म और इंटरप्रेटर का, सभी में अवसर ही अवसर हैं।
शूट द एनिमल्स
Posted on 14 Oct, 2011 04:05 PMफिल्म थ्री इडियट्स के फरहान से सभी परिचित होंगे। पेरेंट्स के दबाव के चलते इंजीनियरिंग पढ़ने आए फरहान को वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर बनने का शौक था और इसी शौक के चलते उसने इंजीनियरिंग जैसे स्वर्णिम कैरियर को लात मार दी। हालांकि रील और रीयल लाइफ में काफी अंतर होता है, लेकिन फरहान गलत नहीं था, हमारी प्रकृति है ही इतनी सुंदर कि उसकी हर छटा हर किसी का मन मोह लेती है। आज फरहान जैसे अनेक युवा हैं जो प्रकृत
भूगर्भ में छुपा कैरियर
Posted on 14 Oct, 2011 09:51 AMवाकई में धरती अपने अंदर रहस्यों का पुलिंदा छुपाए हुए है। ऐसे तमाम अनगिनत रहस्य हैं, जिन्हें आसानी से नहीं जाना जा सकता है। पृथ्वी के भीतर छुपे कुछ प्रतिशत प्राकृतिक संशाधनों से ही आम लोग परिचित हैं। यदि आप पृथ्वी के छुपे रहस्य एवं उनसे होने वाले फायदों को जानना चाहते हैं, तो जियोलॉजी का गहन अध्ययन करना पड़ेगा।