अनीता सहरावत
मौजूदा दौर में जैविक खेती
Posted on 14 Aug, 2015 02:19 PMखेती में रासायनिक खादों और कीटनाशकों के निरन्तर इस्तेमाल से आज अनाज, फल, सब्जी जैसी सभी खाद्य वस्तुएँ जहरीली होती जा रही हैं। इसका तोड़ अगर कुछ है तो जैविक या गैर-रासायनिक खेती। भारत के कई राज्यों में इस दिशा में सक्रिय पहल हो चुकी है। लेकिन ज़मीनी स्तर पर अब भी बहुत कुछ करने की जरूरत है। इस बारे में बता रही हैं अनीता सहरावत।ज्यादा अरसा नहीं हुआ, जब आन्ध्र प्रदेश में रामचन्द्रपुरम गाँव के किसानों की खेती की ज़मीन गिरवी रखी जा चुकी थी। महँगी खाद-बीज तो दूर, दो जून की रोटी मयस्सर होनी मुश्किल हो गई थी। तब हारकर उन्होंने हर तरह के रासायनिक खादों और कीटनाशकों को अपनी खेती से निकाल फेंका और परम्परागत जुताई-बुआई की टेक ले ली। जैविक खेती उनके लिये रामबाण साबित हुई।
तीन साल के भीतर उन्होंने न केवल अपना पूरा कर्जा पाट दिया बल्कि अपनी जमीनें भी छुड़ा लीं।
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